Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Sep, 2017 04:53 PM
अक्सर पुलिस पूछताछ के नाम पर किसी को भी घंटों थाने पर बैठा लेती है। कुछ ऐसे ही पुलिसिया रवैए का खामियाजा कोई इंसान नहीं, बल्कि एक बेजुबान बकरा भुगत रहा है...
वाराणसीः अक्सर पुलिस पूछताछ के नाम पर किसी को भी घंटों थाने पर बैठा लेती है। कुछ ऐसे ही पुलिसिया रवैए का खामियाजा कोई इंसान नहीं, बल्कि एक बेजुबान बकरा भुगत रहा है। हैरान कर देने वाली ये घटना वाराणसी की है। जहां थाने में दरवाजे से बंधे इस बकरे की आवाज में दर्द है। दरअसल ये सब इसलिए हो रहा है, क्योंकि इस बकरे के 2 दावेदार हो गए हैं।
बता दें कि शिवपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली प्रमिला देवी का दावा है, कि ये बकरा उनके घर से 4 महीने पहले संदिग्ध परिस्तिथि में गायब हो गया था। जिसके बाद ये लगता था कि उनका सब कुछ चला गया है। बीते दिन वह अपना इलाज कराने शिवप्रसाद गुप्ता चिकित्सालय में आए हुए थे, तभी उनकी नजर बकरे पर पड़ी तो उन्होंने उसे पहचान लिया।
वहीं दूसरे पक्ष राजू जिनके पास वर्तमान में बकरा मौजूद था उसका कहना है कि उन्होंने बकरे को बचपन से पाला है। इसी बात को लेकर अस्पताल परिसर में ही विवाद शुरू हो गया। जिसके बाद किसी ने पुलिस को सूचना दी और पुलिस मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को थाने ले आई। काफी प्रयास हुआ लेकिन दोनों पक्षों में से किसी ने ये प्रमाण पुलिस के पास प्रस्तुत नहीं किया। लिहाजा सजा बेचारा बकरा भुगत रहा है।
कोतवाली थाने के इंचार्ज राजेश कुमार सिंह ने बताया कि 2 पक्षों में एक बकरे को लेकर विवाद शुरू हुआ और फिर मामला थाने पहुंचा। मुझे इस बात की जानकारी हुई तो मैंने प्रमाण प्रस्तुत करने वाले को बकरा देने को कहा था, लेकिन किसी ने प्रमाण नहीं दिया। जब ये पूछा गया कि क्या बकरा थाने पर है तो उन्होंने कहा कि उसे किसी अन्य के पास रखा गया है। विवाद का हल होने के बाद उसके असली मालिक को बकरा सौंप दिया जाएगा।