Edited By Ruby,Updated: 04 Aug, 2018 11:53 AM
सरकारी इमारतों और महापुरूषों की प्रतिमाओं के भगवाकरण के आरोपों से घिरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उस समय राहत मिली जब कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर भगवा रंग कराये जाने संबंधी रिर्पोटों का कांग्रेस ने ही खंडन कर दिया...
लखनऊः सरकारी इमारतों और महापुरूषों की प्रतिमाओं के भगवाकरण के आरोपों से घिरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उस समय राहत मिली जब कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर भगवा रंग कराये जाने संबंधी रिर्पोटों का कांग्रेस ने ही खंडन कर दिया।
दरअसल, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय के मीडिया सेंटर पर गुरूवार शाम पीले रंग की एक पट्टी को देखकर कुछ लोगों ने इसकी तस्वीर लेकर सोशल मीडिया में वायरल कर दी और देखते ही देखते विभिन्न वेब पोर्टल और सांध्य दैनिकों में इस आशय की खबरे आनी लगी कि योगी सरकार ने कांग्रेस मुख्यालय को भी भगवा रंग से रंगने में गुरेज नहीं किया।
इस बारे में हालांकि कांग्रेस में मीडिया का काम देख रही कमेटी की सदस्य मंजू शुक्ला ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर पार्टी मुख्यालय के रंगरोगन का काम चल रहा है। इस दौरान पेंटर को एक दीवार पर तिरंगे की आकृति को उकेरना था। यह कार्य उसे दफ्तर बंद होने के बाद करना था। पेंटर को शायद पार्टी नेताओं की बात समझ नहीं आई और उसने पीले रंग की एक पट्टी दीवार पर पोत दी। उन्होंने कहा कि हालांकि आज सुबह पेंटर को पीली पट्टी हटाकर फिर से व्हाइट वाश करने को कहा गया जिसे उसने कर भी दिया है।
शुक्ला ने कहा कि पार्टी मुख्यालय के रंगरोगन से भाजपा सरकार का कोई लेना देना नहीं है और कांग्रेस बेवजह आरोपों की राजनीति से परहेज करती है। कांग्रेस के आरोप देश हित के मुद्दों को लेकर होते है और न कि बचकाने ढंग से सरकार पर आरोप मढ़ने के होते हैं।
गौरतलब है कि भगवा रंग को लेकर योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर रहती रही है। बदायूं में डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के बाद शाहजहांपुर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को भगवा रंग में रंगे जाने का आरोप भाजपा पर लगा है। इससे पहले हज समिति के कार्यालय की बाउंड्री वॉल और सचिवालय की इमारत में भगवा रंग को लेकर सरकार की आलोचना की गई थी।