Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 16 Dec, 2021 11:46 AM
पूर्व मंत्री और कांग्रेस के नेता अजय राय ने कहा कि 13 दिसंबर को श्रीनगर में आतंकी हमला हुआ और हमारे जवान शहीद हो गए। उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी में लेजर शो का आनंद ले रहे थे। वीर जवानों की शहादत पर...
वाराणसी: पूर्व मंत्री और कांग्रेस के नेता अजय राय ने कहा कि 13 दिसंबर को श्रीनगर में आतंकी हमला हुआ और हमारे जवान शहीद हो गए। उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी में लेजर शो का आनंद ले रहे थे। वीर जवानों की शहादत पर शोक प्रकट करना भी हमारे प्रधानमंत्री ने उचित नहीं समझा।
'काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण शब्द पर अजय राय ने जताई आपत्ति'
इतना ही नहीं अजय राय श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि भगवान शिव ने तो जग का लोकार्पण किया है और वह पूरे विश्व के नाथ हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण कह कर उसकी मार्केटिंग करना निंदनीय है। इसे विस्तारीकरण कहा जा सकता था। लोकार्पण शब्द और मार्केटिंग सनातन धर्म पर आघात है। पीएम स्वयं को सनातन परंपरा से ऊपर मानते हैं। प्रधानमंत्री ने कॉरिडोर के मजदूरों संग फोटो खिंचवाई। लेकिन, कॉरिडोर को बनाते समय जिन मजदूरों ने जान गंवा दी, उनके परिजनों से मिलना भी उचित नहीं समझा।
'धर्म के नाम पर विध्वंस भाजपा सरकार का प्रमुख काम है'
कांग्रेस नेता ने कहा कि अजय राय ने कहा कि काशी की मूलभूत जन समस्याओं की अनदेखी, बदहाल चिकित्सा व्यवस्था, बेरोजगारी और धर्म के नाम पर विध्वंस भाजपा सरकार का प्रमुख काम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी आकर कॉरिडोर का उद्घाटन किए और प्रचार के माध्यम से खूब पैसा बहाया। मार्केटिंग भी जमकर हुई, लेकिन अभी तक यह नहीं बताया कि जिन मूर्तियों को तोड़ा गया था उनकी जगह नई मूर्तियां कहां स्थापित की गईं। कॉरिडोर के नाम पर सनातन धर्म के देवी-देवताओं का विध्वंस हम काशीवासियों को स्वीकार नहीं है।
काशी की सीवर व्यवस्था बदहाल है- अजय राय
पूर्व मंत्री ने कहा कि काशी की सीवर व्यवस्था बदहाल है। अनेकों परियोजनाएं बनीं लेकिन सब विफल रहीं। काशी में कई मोहल्ले ऐसे हैं जहां लोगों को पीने का पानी तक मुनासिब नही है। स्वयं प्रधानमंत्री रविदास पार्क गए, जिसके बगल में बड़ा नाला मां गंगा में गिरता है। यह स्मार्ट सिटी की सच्चाई है। मां गंगा नदी के उस पार एक नदी के आकार की नहर बनाई जा रही थी, जिसमें करोड़ों रुपए इस सरकार ने बर्बाद किए। उस नहर से क्या लाभ हुआ, क्यों करोड़ों रुपए बर्बाद किए गए, इसके बारे में आज तक शासन-प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिलता।