Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 12:09 PM
2019 की लोकभा से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सपा पार्टी को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। जिसके चलते वह अपनी बातों को जनता के सामने रखने के लिए प्रदेश के जिलों का दौरा कर रहे हैं। लेकिन सपा पार्टी में चल रही गुटबाजी से वह अच्छी तरह से परिचित हैं।...
लखनऊः 2019 की लोकभा से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सपा पार्टी को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। जिसके चलते वह अपनी बातों को जनता के सामने रखने के लिए प्रदेश के जिलों का दौरा कर रहे हैं। लेकिन सपा पार्टी में चल रही गुटबाजी से वह अच्छी तरह से परिचित हैं। वहीं एक प्रेसवार्ता के दौरान उनकी दिल की बात जुबां पर आ ही गई और उन्होंने अपने दिल का दर्द बयां कर डाला।
अखिलेश यादव ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनावों के बाद से कांग्रेस अब पहले जैसी नहीं रह गई है। इस चुनाव के बाद से कांग्रेस का व्यवहार बदल गया है। अखिलेश ने कहा कि गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस का व्यवहार अभी की तुलना में ज्यादा मिलनसार था। गुजरात चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद पार्टी के व्यवहार में उन्होंने बदलाव महसूस किया है। अखिलेश ने कहा कि वह स्वीकार करते हैं कि यूपी चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन करके वह असफल हुए हैं। गठबंधन के बाद समाजवादी पार्टी के 100 संभावितों को व्यक्तिगत राजनीतिक करियर को छोड़ देना पड़ा। इसके बाद हुए गुजरात चुनाव में कांग्रेस का व्यव्हार बदल गया है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जाति की राजनीति पहले एक ओबीसी (केशव प्रसाद मौर्या) को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। इसके बाद उन्हें यूपी चुनाव में सीएम के तौर पर पेश किया। फिर एक अचानक मौर्या को डेप्युटी सीएम बनाकर एक ठाकुर ( योगी आदित्यनाथ) को सीएम बना दिया। अब गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी का ये जाति चक्र तोड़ने के लिए सपा और बसपा में गठबंधन हुआ है। अब देखना है कि ये गठबंधन कितना कामयाब हो पाता है।