सीता माता काे 'टेस्ट ट्यूब बेबी' बताकर बुरे फंसे यूपी के Deputy CM दिनेश शर्मा

Edited By Deepika Rajput,Updated: 02 Jun, 2018 01:18 PM

सीता माता को टेस्ट ट्यूब बेबी बताकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा बुरी तरह फंस गए हैं। मामले में दिनेश शर्मा के खिलाफ सीतामढ़ी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने याचिका दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि...

लखनऊः सीता माता को टेस्ट ट्यूब बेबी बताकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा बुरी तरह फंस गए हैं। मामले में दिनेश शर्मा के खिलाफ सीतामढ़ी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने याचिका दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उपमुख्यमंत्री ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया है।

इन धाराओं के तहत दी कोर्ट में अर्जी 
शिकायतकर्ता ठाकुर चंदन कुमार सिंह का कहना है कि दिनेश शर्मा ने माता सीता के साथ पूरे देश की महिलाओं का अपमान किया है। उन्होंने यह बयान देश में धार्मिक उन्माद फैलाने की आपराधिक साजिश के तहत दिया है। जिसके चलते मैंने कोर्ट में धारा 120 बी (आपराधिक साजिश रचने) और धारा 295 ए (धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने) के तहत केस दर्ज करने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है।

8 जून को होगी मामले की सुनवाई 
बता दें कि, शनिवार सुबह चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सरोज कुमार की कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई। बहस के बाद कोर्ट ने अर्जी स्वीकार कर ली। अब 8 जून को एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ज्योति कुमार की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी।

उप मुख्यमंत्री ने दिया था यह बयान
गौरतलब है कि, उप मुख्यमंत्री ने मथुरा में हिंदी पत्रकारिता दिवस के एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा था कि सीता जी का जन्म मिट्टी के बर्तन से हुआ था, यानी उस समय भी टेस्ट ट्यूब से बच्चे पैदा करने का कॉन्सेप्ट था। उन्होंने कहा कि सीता जी भी टेस्ट ट्यूब बेबी हो सकती हैं। रामायण काल में माता सीता का जन्म एक मिट्टी के बर्तन यानी घड़े से हुआ था, यानी रामायण के समय में टेस्ट ट्यूब बेबी की तकनीक रही होगी। यही नहीं, अपने संबोधन में दिनेश शर्मा ने महाभारत और रामायण काल की तकनीक का जमकर बखान किया और नारद भगवान को पहला पत्रकार भी बताया।

उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की शुरुआत आधुनिककाल में ही नहीं हुई थी, ये तो महाभारत काल से चली आ रही है। नारद जी पहले पत्रकार थे। महाभारत काल पर 'ज्ञान' देते हुए उन्होंने दावा किया कि गुरुत्वाकर्षण शक्ति, प्लास्टिक सर्जरी और परमाणु की खोज भी कहीं और नहीं बल्कि भारत में हुई थी। उन्होंने संजय और धृतराष्ट्र का भी उदाहरण दिया और बताया कि उस समय भी लाइव टेलीकास्ट होता था। हस्तिनापुर से ही बैठे-बैठ संजय कुरुक्षेत्र में हो रहे महाभारत के युद्ध का दृष्टांत धृतराष्ट्र को बताते थे।
 

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