Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 08 Oct, 2020 01:26 PM
उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म,लघु,एवं मध्यम उद्यम विभााग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर नवनीत सहगल ने कहा कि प्रदेश की उत्कृष्ट हस्तशिल्प कला अपनी बेहद संपन्न परंपरा के लिए प्रसिद्ध है...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म,लघु,एवं मध्यम उद्यम विभााग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर नवनीत सहगल ने कहा कि प्रदेश की उत्कृष्ट हस्तशिल्प कला अपनी बेहद संपन्न परंपरा के लिए प्रसिद्ध है और हर जिले का कोई उत्पाद अपनी खूबी के नाते वहां की पहचान है। सहगल ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि समय के अनुसार, तकनीक की मदद से इन उत्पादों को गुणवत्ता और दाम में प्रतिस्पर्द्धी बनाया जाए, ताकि इससे जुड़े हर वर्ग को लाभ हो। स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिले और प्रदेश का समग्र विकास होगा। इसी मंशा से सीएफसी की स्थापना के साथ ब्रांडिंग, क्रेडिट, फाइनेंस और संबंधित लोगों के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण के भी कार्य किए जा रहे हैं।
सहगल ने कहा कि एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिलने से हुनर निखरने के साथ आय भी बढ़ेगी। एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) को लेकर सरकार की मंशा रंग लाने लगी है। कॉमन फैसिलिटी सेंटर्स (सीएफसी) की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उम्मीद है कि जिन जिलों में सीएफसी की स्थापना होगी, वहां एक ही छत के नीचे टेस्टिंगलैब, डिजाइन डेवलमेंट सेंटर, कच्चा माल, कॉमन प्रोडक्शन सेंटर, लॉजिस्टिक, पैकेजिंग, लेवलिंग और बारकोडिंग आदि की सुविधाएं मिलने से, इससे जुड़े लोगों की आय में 25 से 50 फीसदी सेवा से डेढ़ गुना तक की वृद्धि होगी।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रशिक्षण की वजह से गुणवत्ता और दाम में उत्पाद प्रतिस्पर्द्धी बनेंगे। इससे और लोग भी अपनी परंपरा को समृद्ध करने के लिए आगे आएंगे। अनुमान है कि इससे वहां के कारीगरों की आय 25 से 50 फीसदी तक बढ़ जाएगी और प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 10000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे इसकी बिक्री निर्यात में चार गुना और खेती करने वाले किसानों की संख्या में 30 हजार तक की वृद्धि होगी।