Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 28 Jun, 2019 02:33 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इन दिनों लापरवाह और नकारा अधिकारियों पर गुस्सा फूट रहा है। इसी कड़ी में उन्होंने भ्रष्ट और नकारा अफसरों और कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने का शासनादेश जारी कर दिया गया है। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार के...
लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इन दिनों लापरवाह और नकारा अधिकारियों पर गुस्सा फूट रहा है। इसी कड़ी में उन्होंने भ्रष्ट और नकारा अफसरों और कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने का शासनादेश जारी कर दिया गया है। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार के आरोप हों या फिर किसी तरह का केस दर्ज हो, ऐसे पुलिसकर्मियों को भी जबरन रिटायरमेंट दिया जाएगा।
जिसके चलते गुरुवार को मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने 50 साल की उम्र पार कर चुके अधिकारियों की स्क्रीनिंग कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की परक्रिया को 30 जून तक पूरा करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि मामले में 3 जुलाई तक शासन को रिपोर्ट भेजी जाए।
मुख्य सचिव ने कहा है कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए आयु निर्धारण की कट ऑफ़ डेट 31 मार्च 2019 होगी। यानी इस तिथि तक जो भी अधिकारी और कर्मचारी 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं उनकी स्क्रीनिंग होगी। सभी अपर मुख्य सचिवों और प्रमुख सचिवों और सचिवों को अपने-अपने विभागों की लिस्ट भेजने को कहा गया है।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने गुरुवार रात 15 आईएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी देवेश चतुर्वेदी को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है।