Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 11 Feb, 2021 04:58 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण की दर में उल्लेखनीय कमी के बावजूद इसका खतरा अभी समाप्त नहीं हुआ है, इसलिए प्रत्येक स्तर पर पूरी सतकर्ता बरतना आवश्यक है। मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण की दर में उल्लेखनीय कमी के बावजूद इसका खतरा अभी समाप्त नहीं हुआ है, इसलिए प्रत्येक स्तर पर पूरी सतकर्ता बरतना आवश्यक है। मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या में तेजी से हो रही गिरावट पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड-19 से बचाव व उपचार की प्रभावी व्यवस्था को बनाए रखने के साथ पूरी सतकर्ता बरतने की जरुरत है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन का कार्य सुचारु ढंग से हो रहा है। उन्होंने टीकाकरण की इस प्रक्रिया को आगे भी भारत सरकार की गाइडलाइन्स और क्रम के अनुरूप संचालित किए जाने के निर्देश दिए। बैठक में अवगत कराया गया है कि आज कोरोना फ्रंटलाइन वकर्र्स का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। हेल्थ वकर्र्स को कोविड वैक्सीन की सेकेण्ड डोज देने का कार्य 15 फरवरी से प्रारम्भ किया जाएगा। प्रथम चरण में जिन हेल्थ वकर्र्स ने वैक्सीनेशन नहीं कराया है, ऐसे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को टीकाकरण हेतु अवसर प्रदान किया जाएगा।
योगी ने उत्तर प्रदेश द्वारा ई-संजीवनी एप के माध्यम से देश में सर्वाधिक ऑनलाइन कंसल्टेशन प्रदान किए जाने पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने इस सुविधा का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिक से अधिक लोगों को इसके माध्यम से ऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। बैठक में यह अवगत कराया गया कि प्रदेश में ई-संजीवनी एप के माध्यम से अब तक 05 लाख से अधिक व्यक्तियों द्वारा ऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श प्राप्त किया गया है, जो कि देश में सर्वाधिक है।
उन्होंने निर्देशित किया कि सभी चिकित्सा संस्थान अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। जनरल ओपीडी , सर्जरी आदि विभिन्न उपचार प्रक्रियाओं को सुचारु ढंग से संचालित किया जाए। रोगियों को चिकित्सा सम्बन्धी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि मरीजों को उपचार कराने में कोई असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 फरवरी से जे ई वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो रही है। टीकाकरण के साथ-साथ बेहतर चिकित्सा व्यवस्था, शुद्ध पेयजल आपूर्ति तथा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण से वर्तमान में इंसेफलाइटिस से होने वाली मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आयी है। सफलता की इस दर को आगे भी बनाए रखने में टीकाकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने जे ई वैक्सीनेशन का कार्य सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव आर के तिवारी , अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।