Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 Jul, 2020 03:32 PM
कोरोना संकटकाल में आयुर्वेद के महत्व को समझाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अधिक से अधिक वृक्षारोपण करके ही जीव सृष्टि को संरक्षित किया जा सकता है। योगी ने रविवार को यहां कुकरैल वन में ‘मिशन वृक्षारोपण-2020'' का...
लखनऊः कोरोना संकटकाल में आयुर्वेद के महत्व को समझाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अधिक से अधिक वृक्षारोपण करके ही जीव सृष्टि को संरक्षित किया जा सकता है। योगी ने रविवार को यहां कुकरैल वन में ‘मिशन वृक्षारोपण-2020' का शुभारम्भ करते हुए कहा कि पेड़ पौधों की मानव जीवन में विशेष अहमियत है और मौजूदा कोरोना संकटकाल लोगों को यह महत्व समझ में आ रहा है। कोरोना से बचाव के लिए अनेक ऐसी औषधीय वनस्पतियां हैं, जिनका काढ़ा पीने से हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश का हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए संकल्पित है और जनसहभागिता के जरिये वृक्षारोपण जैसे वृहद कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकता है। व्यापक जनसहभागिता एवं अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से प्रदेश में एक दिन में 25 करोड़ से अधिक औषधीय, फलदार, पर्यावरणीय, छायादार, चारा औद्योगिक व प्रकाष्ठ की द्दष्टि से महत्वपूर्ण 201 से अधिक प्रजातियों के पौधे रोपे जा रहे हैं।
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से वृक्षारोपण कार्यक्रम को एक नई गति प्राप्त हुई है। जल संरक्षण में भी वृक्षारोपण का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत 30 लाख आवास उपलब्ध कराए गए हैं। इन आवासों में सहजन के पौधे को रोपित करने का कार्य किया गया है। उन्होंने सहजन के महत्व को बताते हुए कहा कि इसकी फली का सेवन करने से कुपोषण से बचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की भूमि दुनिया की सबसे अधिक उपजाऊ भूमि है, यहां सिंचाई के अच्छे स्रोत भी हैं। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे डेढ़ करोड़ पौधे रोपित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में क्रमश: 05 करोड़, 11 करोड़ तथा 22 करोड़ वृक्ष लगाए गए हैं। इस वर्ष एक ही दिन में 25 करोड़ वृक्ष लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वृक्षों को जियो टैग भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मिशन वृक्षारोपण-2020' पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग सहित 26 राजकीय विभागों तथा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, स्वयं सेवी संगठनों, जनप्रतिनिधियों, विद्यार्थियों, व्यापारियों आदि के योगदान से सम्पन्न किया जा रहा है। इससे पहले योगी ने हरिशंकरी के वृक्षों का रोपणकर ‘मिशन वृक्षारोपण-2020' का शुभारम्भ किया। ज्ञातव्य है कि पीपल, बरगद व पाकड़ के सम्मिलित रोपण को हरिशंकरी कहते हैं। ‘मिशन वृक्षारोपण-2020' के तहत आज एक दिन में 25 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण किए जाने का लक्ष्य है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ‘वनस्पति वैविध्य महाअभियान -2020' पुस्तक का विमोचन भी किया।