Edited By Umakant yadav,Updated: 05 Apr, 2021 12:14 PM
वर्तमान में उत्तर प्रदेश के लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर और वाराणसी में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर पुलिस आयुक्त प्रणाली की समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि अब इन महानगरों में पुलिस...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर पुलिस आयुक्त प्रणाली की समीक्षा बैठक की। रविवार को यहाँ जारी एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई। वर्तमान में लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर और वाराणसी में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू है। अब इन महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट बनाए जाने का सकारात्मक असर दिखना चाहिए।
आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में एक प्रभावी कानून व्यवस्था के लिए आयुक्त प्रणाली चार शहरों में लागू की है। उन्होंने कहा क़ि पुलिस आयुक्त प्रणाली सामान्य पुलिसिंग से अलग है और इस प्रणाली में अधिकारियों के पास न्यायिक दायित्व के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है। इस बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी, डीजीपी एचसी अवस्थी, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
योगी ने कहा कि कमिश्नरेट स्तर पर पुलिस अधिकारियों और अन्य कार्मिकों की जरूरत को देखते हुए यथाशीघ्र नवीन पदस्थापना की जाए। पुलिस कर्मियों की कमी किसी भी क्षेत्र में न रहे। आमजन को जरूरत पड़ने पर पुलिस की त्वरित सहायता मिल सके, इसके लिए प्रदेश में नए थानों/चौकियों की स्थापना की जा रही है। कमिश्नर इस संबंध यथा आवश्यक प्रस्ताव तत्काल भेजें। इस पर तत्काल निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नवगठित पुलिस कमिश्नरेटों में पुलिस आयुक्त, अपर पुलिस आयुक्त, डीसीपी आदि के कार्यालय और आवासों की स्थायी व्यवस्था की जाए। स्थान तय करते समय जनता की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखें। पुलिस कमिश्नरेट के विभिन्न अधिकारियों के साथ-साथ वाराणसी ग्रामीण और कानपुर आउटर के पुलिस अधिकारियों के कार्यालय और आवासों की व्यवस्था उनके क्षेत्र के भीतर ही रहे। यह जनता के लिए सुविधाजनक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन जैसी व्यवस्था की सफलता शिकायतकर्ता की संतुष्टि के आधार पर आंकी जाएगी। शिकायतों को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ देखा जाए। पुलिस कमिश्नरेट इस मामले में एक आदर्श प्रस्तुत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कमिश्नरेट एरिया में फायर फाइटिंग के आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। स्थानीय विकास प्राधिकरण इस कार्य में सहयोग करें। इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को प्रभावी बनाएं। वाराणसी में श्रीकाशीविश्वनाथ धाम और सारनाथ जैसे विशेष महत्व के क्षेत्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। इसके लिए पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त मानव संसाधन उपलब्ध कराया जाए।