राज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष समेत कई कार्यकर्ता गिरफ्तार

Edited By Ajay kumar,Updated: 07 Jul, 2020 07:45 PM

cm yogi giving protection to criminals himself ajay lallu

उत्तर प्रदेश में दलितों और पिछड़ों के खिलाफ़ हो रहे अत्याचारों और प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस लगातार सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही है।

लखनऊः उत्तर प्रदेश की ‘‘खराब कानून व्यवस्था’’ को लेकर मंगलवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को ज्ञापन सौंपने जा रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लल्लू ने बताया कि वह पार्टी विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष तनुज पुनिया समेत पार्टी के अन्य नेताओं के साथ प्रदेश की ‘‘खराब कानून व्यवस्था’’ को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे। रास्ते में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और इको गार्डन ले गई, जहां शाम को सभी को मुचलके पर रिहा कर दिया गया।

हुसैनगंज थाना अध्यक्ष दिनेश कुमार बिष्ट ने बताया कि जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है और चार से ज्यादा लोगों के एक जगह पर एकत्र होने पर पाबंदी है। साथ ही कोरोना वायरस के मद्देनजर महामारी अधिनियम भी लागू है। कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में राजभवन की तरफ बढ़ रहे थे इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया। बाद में सभी को मुचलके पर रिहा कर दिया गया।

रिहा होने के बाद लल्लू ने आरोप लगाया कि प्रदेश में जंगलराज चल रहा है और पूरे सूबे में संवैधानिक व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है। अपराधी और गुंडों को योगी सरकार का संस्थागत संरक्षण मिला हुआ है। अपराधियों और गुंडों के साथ योगी सरकार के मंत्रियों और अफसरों से करीबी रिश्ते उजागर हो गए है। तमाम वीडियो और वायरल तस्वीरों में इनकी निकटता सामने आ चुकी है।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि योगी राज में संविधान को ताक पर रख दिया गया है। कभी ऐसा नहीं हुआ है कि राज्यपाल को ज्ञापन देने सौंपने जा रहे लोगों को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किया गया हो।

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की मौत के बाद जो खुलासे मीडिया के माध्यम से हो रहे हैं, उससे साफ हो गया है कि कानपुर में हुई वारदात पुलिस विभाग और अपराधियों की संलिप्तता का ही दुर्भाग्यपूर्ण नतीजा है।

पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि सत्ता के संरक्षण में गुंडे फल-फूल रहे हैं। कानपुर की घटना से यह पूरी तरह साफ हो गया है। प्रदेश में जिस तरह की अराजकता है, अपराधी जहां चाहते हैं घटना को अंजाम देते हैं और पुलिस सिर्फ मूकदर्शक बनी रहती है। यही कारण है कि आज प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलन्द हैं।

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