Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Sep, 2017 04:28 PM
प्रदेश की सत्ता पर काबिज होते हुए ही योगी सरकार ने किसानों के कर्ज माफी के वादे को तो पूरा कर लिया, लेकिन अधिकारिक विभाग की...
लखनऊः प्रदेश की सत्ता पर काबिज होते हुए ही योगी सरकार ने किसानों के कर्ज माफी के वादे को तो पूरा कर लिया, लेकिन अधिकारिक विभाग की लापरवाही ने सरकार की किरकिरी करने में कसर नहीं छोड़ी है। जिससे सबक लेते हुए सरकार ने भविष्य में एेसा ना हो इसलिए कड़े निर्देश जारी किए है।
बता दें सीएम योगी द्वारा अधिकारियों को सख्त निर्दश दिए गए हैं कि 10 हजार से ज्यादा कर्ज माफ होने वाले किसानों को ही प्रमाण पत्र दिए जाएं।
उल्लेखनीय है कि सीएम योगी ने मीडिया में सर्टिफिकेट की फोटो और किसानों की शिकायत के बाद यह फैसला लिया है। मुख्यमंत्री की तरफ से सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि आगे से 10 हजार से कम के कर्ज माफी का न तो सर्टिफिकेट जारी हो ना ही किसानों को इस कार्यक्रम में बुलाया जाए, जहां सर्टिफिकेट बंट रहे हैं। साथ ही 10 हजार से कम राशि के कर्ज को माफ किया जाना जरूरी है लेकिन उसका सर्टिफिकेट जारी ना किया जाए।
गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने यूपी में किसानों का कर्ज माफ करने का आश्वासन दिया था। जिसे सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने एक लाख तक का फसली ऋण माफ भी किया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में सीएम योगी ने लखनऊ में किसानों को प्रमाण पत्र बांटकर इस कार्यक्रम को शुरू किया था। लेकिन राज्य के कई किसानों को 10, 20, 50 या 100-200 रुपए की कर्जमाफी के प्रमाण पत्र दिए जाने पर, सरकार की हुई आलोचना के बाद सीएम योगी को यह फैसला लेना पड़ा!