Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 24 Nov, 2020 11:13 AM
लव जिहाद को लेकर के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। जिसमें कोर्ट ने अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने को मौलिक अधिकार बताया है। इस
प्रयागराजः लव जिहाद को लेकर के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। जिसमें कोर्ट ने अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने को मौलिक अधिकार बताया है। इस बाबत हाईकोर्ट ने यूपी सरकार की दलील को खारिज कर दिया और कहा कि अलग धर्म की वजह से व्यक्ति को शादी करने से नहीं रोक सकते हैं।
बता दें कि कोर्ट ने कुशीनगर के सलामत और प्रियंका की अर्जी पर फैसला सुनाया व सलामत अंसारी पर दर्ज एफआईआर को भी रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि दो व्यक्ति जो अपनी स्वतंत्र इच्छा से साथ रह रहे हैं, उसमें आपत्ति करने का किसी को अधिकार नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने दिया है। खंडपीठ ने कहा की हम यह समझने में नाकाम हैं कानून जब दो व्यक्तियों, चाहे वे समान लिंग के ही क्यों न हों, को शांतिपूर्वक साथ रहने की अनुमति देता है तो किसी को भी व्यक्ति, परिवार या राज्य को उनके रिश्ते पर आपत्ति करने का अधिकार नहीं है।
याचियों का कहना था कि दोनों बालिग हैं और 19 अक्टूबर 2019 को उन्होंने मुस्लिम रीति रिवाज से निकाह किया है । इसके बाद प्रियंका ने इस्लाम को स्वीकार कर लिया है और एक साल से दोनों पति-पत्नी की तरह रह रहे हैं। प्रियंका के पिता ने इस रिश्ते का विरोध करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है जिसके खिलाफ उन्होंने याचिका दाखिल की थी।