Edited By Ruby,Updated: 26 Nov, 2018 02:39 PM
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने राज्य की शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव के संकेत देते हुए कहा कि ‘केजी टू पीजी’ के पाठ्यक्रमों को समय की मांग के अनुरूप बनाया जाएग ताकि विद्यार्थियों को पढ़ते-पढ़ते रोजगार का सुनहरा अवसर मिल सके...
वाराणसीः उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने राज्य की शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव के संकेत देते हुए कहा कि ‘केजी टू पीजी’ के पाठ्यक्रमों को समय की मांग के अनुरूप बनाया जाएग ताकि विद्यार्थियों को पढ़ते-पढ़ते रोजगार का सुनहरा अवसर मिल सके।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एवं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपतियों एवं वाराणसी मंडल के माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक शिक्षा अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इसके बाद शर्मा ने संवाददताओं से कहा कि शिक्षा के साथ-साथ रोजगार की व्यवस्था करना उनकी सरकार का लक्ष्य है। सरकार दोनों मोर्चें पर निर्धारित लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रही है। सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ‘शोध पीठ’ की स्थापना कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि पढ़ाई पूरी करने के बाद नौजवानों को आसानी से रोजगार मिल सके, इसके लिए एक विश्वविद्यालय में ‘रोजगार सृजन पीठ’ की स्थापना की गई है तथा आने वाले समय में सभी विश्वविद्यालयों में ऐसी ही व्यवस्था की जाएगी। डॉ. शर्मा ने कहा प्राथमिक से विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा प्रणाली में बदलाव के लिए शिक्षा विभाग एक ‘विजन डक्यूमेंट’ तैयार करवा रहा है, जिसे सरकार जल्दी ही सबके समाने लाएगी तथा आवश्यकता पड़ी तो उसी के अनुसार पाठ्क्रमों में बदलाव किए जाएंगे। उन्होंने कहा ‘केजी टू पीजी’ तक की शिक्षा प्रणाली में आवश्यकता अनुसार बदलावा किए जा सकते हैं।’