Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jun, 2017 09:48 AM
भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर आजाद उर्फ रावण की गिरफ्तारी के बाद से ही उसकी संगठन की कमान संभाले मां और भाई...
सहारनपुरः भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर आजाद उर्फ रावण की गिरफ्तारी के बाद से ही उसकी संगठन की कमान संभाले मां और भाई पुलिस की नजर में चढ़ते ही भूमिगत हो गए है। इनका उद्देश्य 18 जून को दिल्ली के जंतर-मंतर पर महासभा के आयोजन को सफल बनाना है, जिसके चलते वह गुप्त रूप से बैठकें कर रहे है और मोबाइल तक बंद कर दिये है। वहीं पुलिस इस आयोजन को न होने देने और दिल्ली कूच करने को कमर कसे हुए है।
18 जून को जंतर-मंतर पर है सभा
चन्द्रशेखर को रिहा किए जाने के साथ ही विभिन्न मांगों को लेकर भीम आर्मी ने 18 जून को दिल्ली के जंतर-मंतर पर महासभा किए जाने का ऐलान कर रखा है। इसमें चन्द्रशेखर की मां कमलेश व भाई भगत, कमल किशोर के अलावा भीम आर्मी से जुड़े और सहारनपुर पुलिस के भगौड़े व 12 हजारी विनय रतन व मंजीत नोटियाल ने भी पुलिस को खुली चुनौती देते हुए महासभा के दौरान मंचासीन रहने की घोषणा कर रखी है। इसे सफल न होने देने को पुलिस भी कई दिन से अपना जाल बिछा रही है। मगर अभी तक ऐसा कुछ नही हो सका। जिसे पुलिस की सफलता कहा जा सकें।
बौद्ध धर्म अपना रहे दलित
वहीं रावण की गिरफ्तारी के विरोध में रामपुर तहसील में धरना प्रदर्शन के बाद दलित बिरादरी की 15 महिलाओं ने बौद्ध धर्म अपना लिया। इधर, पुलिस की नजर में चढ़ते ही चन्द्रशेखर की मां व दोनों भाई भूमिगत हो गए है। इनका उद्देश्य 18 जून को हरहाल में महापंचायत पर जंतर-मंतर पहुंचने का है, वहीं पुलिस इनका चक्रव्यूह तोड़ने की जुगत में दिन रात लगी है। इसके लिए जनपद में प्रभावित गावों बस अड्डो व रेलवे स्टेशन पर रात से ही पुलिस ने पहरा बिठा दिया है। ताकि दिल्ली कूच को रोका जा सकें।
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