Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 02 May, 2018 07:43 PM
सरकार ने लखनऊ, गुवाहाटी और चेन्नई के हवाई अड्डों पर विस्तार एवं नए टर्मिनल के विकास के लिए पांच हजार करोड़ रुपए की परियोजना को आज मंजूरी दे दी है। प्रधा...
लखनऊः सरकार ने लखनऊ, गुवाहाटी और चेन्नई के हवाई अड्डों पर विस्तार एवं नए टर्मिनल के विकास के लिए पांच हजार करोड़ रुपए की परियोजना को आज मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की केंद्रीय मंत्रिमंडल की समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
बैठक के बाद विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से बताया कि लखनऊ हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल की लागत 1232 करोड़ रुपए होगी। नया टर्मिनल बनने के बाद हवाई अड्डे का कुल क्षेत्र 88 हजार वर्ग मीटर हो जाएगा। हवाई अड्डे की क्षमता 26 लाख अंतर्राष्ट्रीय यात्री और घरेलू यात्री एक करोड़ 10 लाख प्रतिवर्ष होगी। चेन्नई हवाई अड्डे के नये टर्मिनल की लागत 2467 करोड़ रुपए होगी और इसका क्षेत्र 336000 वर्ग मीटर हो जाएगा। इसकी क्षमता भी बढ़कर तीन करोड़ 50 लाख यात्री प्रतिवर्ष हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र और दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार गुवाहाटी हवाई अड्डे पर नया टर्मिनल बनाने के लिए 1383 करोड़ रुपए खर्च किए जाएगें। इसकी क्षमता 90 लाख यात्री प्रतिवर्ष होगी। इससे सरकार की‘एक्ट ईस्ट’को बल मिलेगा तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। नया टर्मिनल बनने के बाद हवाई अड्डे का कुल क्षेत्र 102500 वर्ग मीटर होगा। उल्लेखनीय सरकार ने गुवाहाटी हवाई अड्डे से एशियाई देशों के लिए हवाई कनेक्टिविटी देने का फैसला लिया है और जल्द ही यहां से सिंगापुर के लिए उड़ान प्रारंभ होने की संभावना है।
केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत आज़मगढ़, कुशीनगर, इलाहाबाद, गोरखपुर और चित्रकूट जैसे स्थानों पर नए हवाईअड्डे आने की संभावना है। मंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के जिलों के साथ जेवर हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी के बारे में भी पूछताछ की। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश नागरिक उड्डयन नीति 2017 के तहत, राज्य इस क्षेत्र में काम के दायरे का विस्तार कर रहा है। क्षमता निर्माण और व्यापक सशक्तिकरण के अवसरों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। स्व-निरंतर पारिस्थितिक तंत्र बनाने के लिए, राज्य सरकार पायलट, ग्राउंड हैंडलिंग प्रोफेशनल, केबिन क्रू, आईटी और सपोर्ट सेवा पेशेवरों, हवाई अड्डे से संबंधित पेशेवरों आदि जैसे कार्यबल प्रशिक्षण प्रशिक्षण दे रही है। राज्य सरकार राज्यों में संस्थानों में विमानन से संबंधित पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देगी।