CCTV की निगरानी में होगी 14 मार्च लोकसभा उपचुनाव की मतगणना

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 04:15 PM

cctv monitoring will be held on march 14 by the lok sabha by poll vote

देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिष्ठित फुलपुर व योगी के गढ़ गोरखपुर लोकसभा में 11 मार्च को उपचुनाव हुए। जिसकी बुधवार यानि 14 मार्च मतगणना सीसीटीवी की निगरानी में कराई जाएगी। प्रशासन द्वारा इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। जिला...

इलाहाबादः देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिष्ठित फुलपुर व योगी के गढ़ गोरखपुर लोकसभा में 11 मार्च को उपचुनाव हुए। जिसकी बुधवार यानि 14 मार्च मतगणना सीसीटीवी की निगरानी में कराई जाएगी। प्रशासन द्वारा इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी सुहास एलवाई, उपजिलाधिकारी अमर पाल सिंह और विशेष एआरओ अशोक कुमार कन्नौजिया समेत कई अधिकारियों ने मुंडेरा मंडी मतगणना स्थल की तैयारियों का जायजा लिया और वहां मौजूद कुछ अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए।  

उप जिलाधिकारी ने बताया कि मुंडेरा मंडी मतगणना स्थल पर 48 सीसीटीवी लगाए गए हैं। मतगणना के लिए प्रत्येक विधानसभा के लिए 14 टेबल लगाई गई है। 14 टेबलों पर ईवीएम मतों की गिनती होगी जबकि एक टेबल पर पोस्टल बैलेट की गिनती की जाएगी। इन सभी टेबलों को जाली और बैरीकेडिंग से घेरा गया है। मतगणना स्थल पर सुरक्षा की कडी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि बैरीकेडिंग के बाहर ही एजेंट रहेंगे और वे मोबाइल अन्दर नहीं ले जा सकेंगे। स्ट्रांगरूम से मतगणना टेबल तक ईवीएम ले जाने की भी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। मतगणना सुबह 7 बजे शुरू हो जाएगी।  

गौरतलब है कि पांचो विधानसभा फूलपुर, फाफामऊ, सोरांव, शहर उत्तरी और शहर पश्चिमी में कुल 19,63,345 मतदाता हैं, जिनमें महिलाओं की संख्या 8,84,161 महिला मतदाता हैं जबकि पुरूष मतदाताओं की संख्या 10,79,184 है। कुल 7,29,126 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। चुनाव परिणाम बुधवार दोपहर बाद आने की उम्मीद की जा रही है। फूलपुर लोकसभा सीट उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने से खाली हुई थी। 13 फरवरी से इस सीट के लिए नांमाकन शुरू हुआ था जो 20 फरवरी तक चला था। उपचुनाव के लिए कुल 30 लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था, जिनमें से 6 लोगों के नामांकन पत्र खारिज हो गए थे। 2 लोगों ने अपने नाम वापिस ले लिए थे। भाजपा, कांग्रेस, सपा, 10 छोटे दल और 9 निर्दलीय समेत कुल 22 प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे रहे।  

उपचुनाव में 37.39 फीसदी मतदान ने साबित कर दिया कि मतदाताओं का रूझान मतदान के प्रति बिल्कुल नहीं रहा। यह तीसरा उप चुनाव है। इससे पहले पंडित नेहरु के निधन के बाद 1964 में इस सीट पर पहला उपचुनाव हुआ और कांग्रेस की विजयलक्ष्मी पंडित ने जीत दर्ज की। इसके बाद विजयलक्ष्मी पंडित के 1969 में संयुक्त राष्ट्र में प्रतिनिधि बनने के बाद इस्तीफा देने से रिक्त हुए सीट पर दोबारा उपचुनाव हुआ और कांग्रेस ने केशव देव मालवीय को मैदान में उतारा लेकिन संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार जनेश्वर मिश्र से हार गए। 


 

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