Edited By Anil Kapoor,Updated: 03 Feb, 2021 08:59 AM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर खनन घोटाले मामले की जांच कर रही केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सत्येन्द्र सिंह के ठिकानो पर छापेमारी की। सूत्रों ने बताया कि कौशाम्बी में खनन पट्टों के आवंटन को लेकर....
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर खनन घोटाले मामले की जांच कर रही केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सत्येन्द्र सिंह के ठिकानो पर छापेमारी की। सूत्रों ने बताया कि कौशाम्बी में खनन पट्टों के आवंटन को लेकर सीबीआई ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के 9 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। सीबीआई को छापेमारी के दौरान करोड़ों रूपए की अचल संपत्तियों के अलावा 10 लाख रूपए की नकदी और फिक्सड डिपाजिट मिली है।
उन्होंने बताया कि सत्येन्द्र सिंह समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में लखनऊ के जिलाधिकारी के साथ ही लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष थे। वह कौशांबी के भी जिलाधिकारी रह चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक खनन घोटाले के मामले में सीबीआइ ने सत्येंद्र सिंह समेत करीब 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसी सिलसिले में सीबीआई ने सेवानिवृत्त अधिकारी के लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद और नई दिल्ली स्थित करीब 9 ठिकानों पर छापेमारी की है।
उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान 10 लाख रुपए नकद, करीब 51 लाख रुपए की एफडी के अलावा 3 दर्जन के करीब उनके स्वजनो के बैंक खाते, 2.11 करोड़ के सोने और चांदी के जेवर मिले हैं। कौशांबी के तत्कालीन जिला अधिकारी पर आरोप है कि 2012 से 2014 के दौरान पद पर रहते हुए उन्होंने दो नए खनन पट्टे आवंटित किए और नौ का नवीनीकरण किया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2016 के आदेश के बाद से सीबीआइ खनन घोटाले की जांच कर रही है। इसमें पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के अलावा 5 आईएएस अधिकारियों पर पहले ही मुकदमा दर्ज हो चुका है।