Edited By Ajay kumar,Updated: 13 Apr, 2020 05:52 PM
उत्तर प्रदेश के संभल में कुछ दिनों पहले बंदरों की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी। वहीं बंदरों की मौत पर ग्रामीण बुरी तरह से डर गए थे। दरअसल उन्हें लगने लगा था...
संभलः उत्तर प्रदेश के संभल में कुछ दिनों पहले बंदरों की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी। वहीं बंदरों की मौत पर ग्रामीण बुरी तरह से डर गए थे। दरअसल उन्हें लगने लगा था कि बंदरों के मौत की वजह कुछ और नहीं बल्कि कोरोना वायरस है और ग्रामीण सहम गए थे। अब बंदरों के मौत की वास्तविक वजह सामने आई है।
बता दें कि पशु चिकित्सा और वन विभाग की टीमें बंदरों की मौत के पीछे की वजह जानने में जुटी थीं। संभल जिला प्रशासन ने 20 बंदरों की मौत के मामले में एक प्रेस नोट जारी किया। इस प्रेस नोट में बताया गया है कि बंदरों की मौत निमोनिया और विषाक्त पानी पीने से हुई न कि कोरोना संक्रमण की वहज से। ये सभी बंदर जिस तालाब का पानी पीकर बीमार हुए और बाद में उनकी मौत हुई, जांच में वह विषाक्त निकला। उस तालाब के पास अब कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। ताकि बंदर फिर से इस तालाब का पानी ना पी सकें।
ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पशु चिकित्सा और वन विभाग की टीम ने मृत बंदरों का सैंपल लेकर जांच के लिए IVRI बरेली भेजा था। इसके बाद यहां से अत्यधिक सतर्कता बरतते हुए मृत बंदरों का सैंपल जांच के लिए 'सेंटर फॉर वाइल्ड लाइफ' भेजा। जहां से यह रिपोर्ट आई की बंदरों की मौत विषाक्त पानी पीने के बाद निमोनिया होने की वहज से हुई। ग्रामीणों के मुताबिक इन बंदरों की तबीयत अचानक तेजी से बिगड़ने लगती थी और 24 से 48 घंटे के अंदर इनकी मौत हो जाती थी।