सावधान! सर्दी से बचने के लिए बंद कमरे में अंगीठी का उपयोग जानलेवा, बरतें ये सावधानियां: Dr

Edited By Umakant yadav,Updated: 28 Dec, 2020 01:33 PM

careful use of a closed door brazier to avoid cold life threatening

उत्तर प्रदेश में बस्ती जिले के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर रमेश चन्द्र श्रीवास्तव ने सोमवार को कहा है कि सर्दी से बचने के लिए बंद कमरे में अंगीठी का उपयोग जानलेवा हो सकता है। बन्द कमरे में अगर ऐसा कर रहे हैं तो सावधान हो जाईये क्यों कि इससे जान जाने का...

बस्ती: उत्तर प्रदेश में बस्ती जिले के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर रमेश चन्द्र श्रीवास्तव ने सोमवार को कहा है कि सर्दी से बचने के लिए बंद कमरे में अंगीठी का उपयोग जानलेवा हो सकता है। बन्द कमरे में अगर ऐसा कर रहे हैं तो सावधान हो जाईये क्यों कि इससे जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। सोमवार को रमेश चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले या लकड़ी के जलने से कॉर्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जो जानलेवा साबित होता है अंगीठी ही नहीं, इस तरह का खतरा रूम हीटर से भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि कोयला या अलाव जलाने से कार्बन के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं।

कोयला बंद कमरे में जल रहा हो, तो इससे एनवायरनमेंट में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और ऑक्सीजन का लेवल घट जाता है। यह कार्बन, ब्रेन पर सीधे असर डालता है और सांसों के जरिए बॉडी के अंदर भी पहुंचता है। ब्रेन पर असर होने से कमरे में सोया कोई भी इंसान बेहोश हो सकता है। ब्लड में यह कार्बन घुलकर धीरे-धीरे ऑक्सीजन को कम कर देता है। ठंड से बचाव के लिए यह तरीका आसान तो है लेकिन बहुत ही खतरनाक है। इससे सावधान रहने की आवश्यकता है। गर्म कमरे से एकाएक बाहर जाने पर भी बीमार पड सकते हैं, इसलिए बाहर जाने से पहले ‘‘स्विच ओवर जोन” यानी हीटर से अलग हटकर कुछ देर समय बीता लें, तब बाहर जाएं। उन्होंने बताया कि बंद कमरे में लंबे समय तक ब्लोअर या हीटर जलाने से कमरे का तापमान बढ़ जाता है और नमी का लेवल कम हो जाता है। इस वजह से नॉर्मल लोगों को भी सांस संबंधी समस्या हो सकती है।

अगर आप हीटर का प्रयोग करते हैं, तो कमरे में एक बाल्टी पानी रखें, जिससे कुछ हद तक नमी बनी रहे। उन्होने बताया कि हीटर, ब्लोअर या अंगीठी जलाते समय कमरे को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए। गर्मी से धीरे-धीरे कमरे का ऑक्सीजन खत्म हो जाता है और कार्बन मोनोऑक्साइड ज्यादा होने लगता है। यह जहरीली गैस सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच कर खून में मिल जाती है। इस वजह से खून में हीमोग्लोबिन का लेवल घट जाता है और बेहोशी छाने लगती है और इंसान की मौत हो जाती है।

अगर कमरे में एक से ज्यादा व्यक्ति सो रहे हैं तो ज्यादा देर तक आग न जलाएं, क्योंकि ज्यादा लोग होने से कमरे में ऑक्सीजन की और कमी हो जाती है। श्रीवास्तव ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा है कि अगर आप ब्लोअर या हीटर का प्रयोग करते हैं तो इसे थोड़े समय के लिए ही करें। इससे जहां एक ओर कमरे की नमी बनी रहेगी और आपके शरीर को भी नमी मिलती रहेगी।

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