Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 23 Jan, 2021 03:51 PM
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने निर्णय प्रणाली स्थापित करने में शीर्ष प्रौद्योगिकी संस्थानों को शामिल किया है जो दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता को सुधारने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता
नयी दिल्ली/नोएडाः वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने निर्णय प्रणाली स्थापित करने में शीर्ष प्रौद्योगिकी संस्थानों को शामिल किया है जो दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता को सुधारने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल करेगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि आयोग ने निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) को स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है जिसके पास तंत्र और बहु मॉडल आधारित परिचालन एवं योजनागत फैसला प्रणाली उपलब्ध होगी।
उन्होंने बताया कि आयोग ने यह जिम्मेदारी विशेषज्ञ समूहों को दी है जो भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी),आईआईटीएम-पुणे, दि एनर्जी ऐंड रिसोर्जेज इंस्टीट्यूट (टेरी), आईआईटी-दिल्ली, एनईईआरआई और सी-डैक् पुणे जैसे संस्थाओं और थिंक टैंक से है और उन्हें दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए ढांचा विकसित करना है।
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया, ‘‘यह प्रणाली विभिन्न स्रोतों से होने वाले स्थायी और गतिशील उत्सर्जन् का पता लगाने में मदद मिलेगी। इसमें प्राथमिक और द्वितीयक स्तर के प्रदूषक से निपटने की प्रणाली होगी जिसका इस्तेमाल रसायन परिवहन मॉडल की मदद से किया जाएगा।'' डीएसएस में विभिन्न संगठनों की भूमिका के बारे में मंत्रालय ने बताया कि आईएमडी-दिल्ली, आईआईटीएम पुणे दिल्ली-एनसीआर का क्षेत्रीय मानकों के अनुरूप पूर्वानुमान की जानकारी देगा,टेरी उत्सर्जन के उपाय के तरीकों के विकास एवं अद्यतन करने का कार्य करेगा।