Edited By Anil Kapoor,Updated: 22 Sep, 2018 01:50 PM
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सत्ता में रहते सरकारी धन के इस्तेमाल में भारी घपले की बात सामने आई है।
लखनऊ: नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सत्ता में रहते सरकारी धन के इस्तेमाल में भारी घपले की बात सामने आई है। रिपोर्ट में के मुताबिक, अखिलेश सरकार में 97 हजार करोड़ रुपए का बंदरबांट किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी योजनाओं के लिए दी गई मोटी रकम का कोई हिसाब पूर्ववर्ती सरकार के पास नहीं था।
सपा सरकार ने इतनी बड़ी रकम किन मदों में खर्च किया, इस संबंध में कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाई। सबसे ज्यादा घपला समाज कल्याण, शिक्षा और पंचायतीराज विभाग में हुआ है। सिर्फ इन तीन विभागों में 25 से 26 हजार करोड़ रुपए कहां खर्च हुए, विभागीय अफसरों ने इसकी रिपोर्ट ही नहीं दी। अगस्त, 2018 की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्ववर्ती सरकार इस राशि का ‘यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट’ जमा नहीं कर पाई है। इस कारण इतनी बड़ी राशि के गलत इस्तेमाल का शक पैदा हुआ है। मौजूदा यूपी सरकार अब इस मामले की जांच कराने की बात कर रही है।
CAG रिपोर्ट आने के बाद योगी सरकार के प्रवक्ता एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि जिस तरह यूपीए-1 और यूपीए-2 में कैग की रिपोर्ट से भ्रष्टाचार उजागर हुआ था, उसी तरह अखिलेश सरकार में हुआ। उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार करना और उसकी नींव डालना इस प्रदेश में मायावती से शुरू हुआ था, अखिलेश यादव ने उस वृक्ष को पाला है। रिपोर्ट के आधार पर सरकार जांच कराएगी। उधर, सपा ने इस मुद्दे को राजनीति से प्रेरित बताया है। सपा के प्रवक्ता सुनील यादव ने कहा कि कैग की रिपोर्ट से भ्रष्टाचार की बात साबित नहीं हो जाती। यह सिर्फ एक अनुमान है।