Edited By Deepika Rajput,Updated: 26 Jul, 2018 05:28 PM
यूपी के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर गुरुवार को खुद ही जनता की समस्याएं लेकर रसड़ा कोतवाली पहुंच गए। दरअसल, राजभर ने कोतवाल को फोन करकर अपने दफ्तर आने को कहा था, लेकिन उनकी बातें अनसुनी किए जाने के बाद वह खुद गुस्से में कोतवाली पहुंच गए।
बलियाः यूपी के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर गुरुवार को खुद ही जनता की समस्याएं लेकर रसड़ा कोतवाली पहुंच गए। दरअसल, राजभर ने कोतवाल को फोन करकर अपने दफ्तर आने को कहा था, लेकिन उनकी बातें अनसुनी किए जाने के बाद वह खुद गुस्से में कोतवाली पहुंच गए।
राजभर ने बताया कि सुबह कुछ लोग अपनी-अपनी शिकायतें लेकर रसड़ा स्थित उनके कार्यालय पहुंचे थे। समस्याएं सुनने के बाद उन्होंने अपने निजी सहायक राजीव शुक्ला से कोतवाली प्रभारी ज्ञानेश्वर मिश्र को फोन करवाया और उन्हें दफ्तर आने को कहा। उन्हें बुलाने का मकसद मसलों को आसानी से सुलझाना था।
उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ घंटा गुजरने के बावजूद कोतवाली प्रभारी उनके कार्यालय नहीं पहुंचे। इस बीच, मिश्र को दो बार फोन भी किया गया, मगर उससे कोई लाभ नहीं हुआ। जिसके बाद वह खुद कोतवाली पहुंच गए और गत 22 जुलाई को जमीन के विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में पुलिस की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की शिकायत की।
राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पुलिस उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को अपमानित करती है। पुलिस के आचरण से राज्य सरकार की छवि खराब हो रही है। वह इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे।