GST फाइल करने वाले व्यापारियों को बीमा और पेंशन की मिलेगी सुविधा

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 13 Nov, 2019 12:11 PM

businessmen filing gst will get facility of insurance and pension

कर चोरी रोकने और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के आकर्षण पैदा करने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार व्यापारियों को मुफ्त दुर्घटना बीमा और पेंशन की सुविधा देने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को सम्पन्न वाणिज्य कर विभाग...

 

लखनऊः कर चोरी रोकने और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के आकर्षण पैदा करने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार व्यापारियों को मुफ्त दुर्घटना बीमा और पेंशन की सुविधा देने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को सम्पन्न वाणिज्य कर विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में इस आशय के संकेत दिये गये।योगी ने अधिकारियों से कहा कि जीएसटी और वैट में तेजी लाये ताकि चालू वित्तीय वर्ष में 77 हजार 640 करोड़ रूपये के लक्ष्य को हर हाल में पूरा किया जा सके।

विभाग के जोनल एडिशनल कमिश्नरों के साथ समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा वित्तीय वर्ष 2019- 20 के लिए राजस्व संग्रह के निर्धारित 77640.10 करोड़ रुपए के वार्षिक लक्ष्य को हर हाल में पूरा किया जाए। उन्होंने सचल दल में तैनात अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा हर 15 दिन में करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या की समीक्षा करते हुए कहा कि इसमें अभी भी बड़ी संख्या में व्यापारियों के पंजीकरण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के फायदों के बारे में एक जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। इसके लिये व्यापारी कल्याण बोडर् और वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी आपस में विचार-विमर्श कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों को 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उन्हें काफी लाभ होगा। साथ ही, आगे चलकर इसके तहत पंजीकृत व्यापारियों को पेंशन देने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे व्यापारियों को जीएसटी पंजीकरण के फायदों के साथ-साथ इसकी रिटर्न फाइलिंग के विषय में पूरी जानकारी दें, ताकि व्यापारी आसानी से अपने रिटर्न फाइल कर सकें।

योगी ने कहा कि वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी रिटर्न फाइलिंग में व्यापारियों की पूरी मदद करें। उन्होंने रिटर्न फाइलिंग की लगातार मॉनीटरिंग करने के भी निर्देश दिए। साथ ही, व्यापारियों को दिए जाने वाले रिफण्ड को समयबद्धता के साथ वापस किया जाना भी सुनिश्चित किया जाए। इसकी प्रक्रिया का सरलीकरण भी किया जाए।

उन्होंने कहा कि जीएसटी से मिलने वाला राजस्व देश व प्रदेश की प्रगति तथा विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस कार्य को पूरी गम्भीरता से किया जाए और इसमें तेजी लाते हुए इसके तहत संग्रह किए जाने वाले राजस्व के लक्ष्य को हर हाल में प्राप्त किया जाए। जीएसटी संग्रह में व्यापारियों का अनावश्यक उत्पीड़न न किया जाए।

मुख्यमंत्री ने वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कस्बा स्तर तक के व्यापारियों के सालाना टर्नओवर का सर्वे कराकर ऐसे व्यापारियों को जीएसटी के तहत पंजीकृत कराया जाए, जिनका टर्नओवर निर्धारित सीमा से अधिक है। इससे बड़े पैमाने पर व्यापारी पंजीकृत होंगे और जीएसटी के तहत मिलने वाले राजस्व में वृद्धि होगी। इससे अगले वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश जीएसटी के तहत एक लाख करोड़ रुपए के राजस्व का संग्रह का लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। 

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