बुंदेलखंड एक्सप्रेसवेः जैविक कॉरिडोर विकास के लिए हुआ 84 गांवों का चयन

Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 08 Feb, 2021 04:37 PM

bundelkhand expressway 84 villages selected for organic corridor

सूखे की मार की खबरों को लेकर चर्चा में रहने वाले उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ ललितपुर से लेकर चित्रकूट तक बुंदेलखंड जैविक कॉरिडोर विकसित

प्रयागराज: सूखे की मार की खबरों को लेकर चर्चा में रहने वाले उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ ललितपुर से लेकर चित्रकूट तक बुंदेलखंड जैविक कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। इसके लिए एक्सप्रेसवे के रास्ते में पड़ने वाले 84 गांवों का चयन किया गया है। बांदा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति उधम सिंह गौतम ने बताया कि चयनित 84 गांवों में जैविक खेती पर काम शुरू किया जा रहा है। एक्सप्रेसवे के रास्ते हर जिले में छोटे छोटे मॉल बनाए जाएंगे, जहां किसानों के उत्पाद रखे जाएंगे और किसान ही उनकी बिक्री करेंगे।

उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड में मोटे अनाज पहले से ही पैदा होते रहे हैं। इसके अलावा वहां बागवानी में जो भी फसल तैयार होती है, उनमें बहुत कम खाद पड़ती है। ये काफी हद तक जैविक हैं। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए गौतम ने तकनीकी में बदलाव, फसल में बदलाव और प्रबंधन में बदलाव किए जाने पर जोर दिया। किसानों को अधिक उत्पादन के बजाय गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं के उत्पादन पर ध्यान देना होगा जिसे निर्यात किया जा सके। महाराष्ट्र में पानी कम होने के बावजूद उनकी बागवानी की फसलों का निर्यात हो रहा है।

उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड के इलाके में स्पेशल फ्रंटलाइन डेमोस्ट्रेशन चल रहा है जिसमें किसानों को बीज दिया जा रहा है। बांदा कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों के साथ मिलकर इस साल 500 क्विंटल बीज तैयार किया है और किसानों को एमएसपी से 20 प्रतिशत अधिक भुगतान कर रहा है। अब बुंदेलखंड के किसान जैविक दलहन पैदा करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को व्यक्तिगत रूप के बजाय समूह बनाकर कृषि उपकरणों की खरीद करनी चाहिए, जिससे किसी एक किसान पर आर्थिक बोझ ना पड़े और पूरे साल समूह के सभी किसान उन उपकरणों का उपयोग कर सकें।

 

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