बुलंदशहर हिंसा: ग्रामीणों को पुलिस कार्रवाई का डर, कुछ ने घर छोड़कर खेतों में डाला डेरा

Edited By Anil Kapoor,Updated: 05 Dec, 2018 10:30 AM

bulandshahr violence villagers fear of police action some leave home

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भीड़ द्वारा एक पुलिस चौकी को आग लगाने और पुलिस निरीक्षक की गोली मारकर हत्या करने के बाद चिंगरावटी गांव में खामोशी छाई हुई है। स्थानीय निवासी अनिल कुमार ने कहा कि घटना के बाद गांव में लोग बहुत डरे हुए हैं।

बुलंदशहर(उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भीड़ द्वारा एक पुलिस चौकी को आग लगाने और पुलिस निरीक्षक की गोली मारकर हत्या करने के बाद चिंगरावटी गांव में खामोशी छाई हुई है। स्थानीय निवासी अनिल कुमार ने कहा कि घटना के बाद गांव में लोग बहुत डरे हुए हैं। उनमें से कुछ तो अपने घर छोड़कर भाग गए हैं।अनिल कुमार (46) ने कहा कि बच्चों और महिलाओं समेत कुछ लोग आसपास के इलाकों में स्थित अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं जबकि कुछ गांव से दूर खेतों में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पुलिस के डर की वजह से है। कथित गोकशी का विरोध कर रही भीड़ के हिंसक होने के बाद पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह और 20 वर्षीय युवक सुमित की गोली लगने की वजह से मौत हो गई।

PunjabKesariअनिल कुमार ने दावा किया कि 30-32 गायों का वध किया गया और उनके सिर चिंगरावटी गांव के दूसरे तरफ महाव गांव के पास बिखरे हुए थे। उन्होंने कहा कि इसके बाद दोनों गांव के लोग चिंगरावटी पुलिस चौकी पर जमा हुए और जिलाधिकारी जैसे वरिष्ठ अधिकारी से जांच और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने मुख्य सड़क को अवरूद्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि जब हिंसा भड़की तो पत्थर फेंके गए और निरीक्षक ने गोली चला दी, जिसमें मेरे इलाके के सुमित को गोली लगी और उसकी मौत हो गई।

PunjabKesariपुलिस ने कहा कि भीड़ की हिंसा में सुबोध सिंह जख्मी हो गए थे और जब उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था तब उनपर फिर से हमला किया गया। उन्होंने कहा कि उनके सिर में गोली मारी गई। सुमित की मां और उसकी 3 बहनें गांव में अपने घर पर थीं। पड़ोसियों ने बताया कि उसकी मौत की जानकारी अभी तक उन्हें नहीं दी गई। पड़ोसियों ने बताया कि सुमित के पिता अमरजीत सिंह (55), भाई विनीत (22) और बहन बबली मेरठ से शव लेकर आए जहां उसे इलाज के लिए जे जाया गया था। सुमित के रिश्ते के भाई अनुज कुमार ने कहा कि सुमित 6 भाई-बहनों में सबसे छोटा था। वह गाजियाबाद में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था।

PunjabKesariअनिल कुमार ने कहा कि वह मृद भाषी लड़का था। मैंने राम-राम के सिवाए उसे कुछ कहते नहीं सुना। चिंरागवटी गांव के प्रधान अजय कुमार ने कहा कि ऐसी हिंसा पहले कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि गांव में 3 मुस्लिम परिवार हैं लेकिन अब तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। नेशनल जाट महासभा के राज्य अध्यक्ष रोहित जाखड़ ने निरीक्षक और हिंसा में मारे गए ग्रामीण के लिए मुआवजे और उनके रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरी की मांग की। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए और बेगुनाह लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।

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