बुलन्दशहर: ISI एजेंट जाहिद की पुलिस ने शुरू की कुंडली खंगालनी

Edited By Anil Kapoor,Updated: 29 Oct, 2018 06:25 PM

bulandshahr isi agent zahid police launched kundali khanglani

कोतवाली देहात पुलिस द्वारा भूड चौराहे से दबोचे गए आईएसआई एजेंट जाहिद की पुलिस प्रशासन ने कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। पुलिस की मानें तो वर्ष 1992 के दंगे में जाहिद के पिता की दुकान लुट गई थी।

बुलन्दशहर: कोतवाली देहात पुलिस द्वारा भूड चौराहे से दबोचे गए आईएसआई एजेंट जाहिद की पुलिस प्रशासन ने कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। पुलिस की मानें तो वर्ष 1992 के दंगे में जाहिद के पिता की दुकान लुट गई थी। एक आंख से वह देख नहीं पाते थे, जबकि दूसरी आंख की रोशनी कम हो गई थी। इसी बीच अलीम ने अपने बेटों के लिए मोहल्ला तरीनान में करीब 100 गज जमीन पर एक मकान खड़ा किया, जिसमें 6 भाई शकील, अकील, राशिद, आबिद, वाहिद, जाहिद संयुक्त रूप से रहते हैं।

सभी भाई बौरोली रोड स्थित रॉयल एक्सपो पॉटरी में मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण भी करते हैं। इसी मकान में जाहिद का सबसे ऊपर की मंजिल पर एकांत में कमरा है। परिवार के लोगों की मानें तो जाहिद घुमक्कड़ स्वभाव का था। वह कई-कई दिनों के लिए घर से बाहर चला जाता था। 25 अक्तूबर सुबह करीब 10 बजे से वह लापता था, लेकिन परिवार के सदस्यों ने ना तो उसकी तलाश की और ना ही पुलिस में किसी भी तरह की गुमशुदगी दर्ज करवाई। जाहिद के भाई अकील ने बताया कि हमारे पास केवल यही एक मकान है, जिसमें सभी भाइयों के परिवार रहते हैं। जाहिद का सबसे ऊपर की मंजिल पर कमरा है।

2016 में आई थी अनजान कॉल
पुलिस की मानें तो पूछताछ में जाहिद ने पुलिस को बताया कि 2016 में उसके पास अनजान नंबर से मोबाइल पर कॉल आई थी। फोन करने वाले ने उसका हाल-चाल पूछते हुए नोटबंदी के बारे में पूछा था। जाहिद का कहना है कि वह नहीं जानता कि कॉल कहां से आई थी और कॉल करने वाला कौन था। पुलिस व खुफिया टीमें इस कॉल को हवाला से जोड़कर गंभीरता से जांच कर रही हैं। पुलिस उसके पास से बरामद हुए मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर जांच कर रही है। इसके अलावा जाहिद के करीबी लोग भी पुलिस के राडार पर हैं।

जाहिद का कराची में है ननिहाल
जाहिद का ननिहाल पाकिस्तान के कराची में है। बंटवारे के समय उसके नाना-नानी व अन्य रिश्तेदार पाकिस्तान चले गए थे। इसके बाद काफी समय से उनके परिवार का पाकिस्तान आना-जाना भी रहा, लेकिन पिछले लगभग 15 वर्षों में जाहिद के अलावा अन्य परिजन पाकिस्तान नहीं गए और न ही वहां से कोई आया है। हालांकि पाकिस्तान स्थित रिश्तेदारी में किसी का निधन होने पर जाहिद के परिवार के लोगों को वहां बुलाया गया था। पासपोर्ट बनवाने के बाद जाहिद वर्ष-2012 में पाकिस्तान गया था। इसके बाद वर्ष-2014 में वह दूसरी बार पाकिस्तान गया था। परिजनों के अनुसार पाकिस्तान से आने के बाद वह अपने रिश्तेदारों से बातचीत करता रहता था। परिजनों का कहना है कि अपने रिश्तेदारों से बातचीत करना ही जाहिद को भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। इसी कारण पुलिस उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का एजेंट बताकर फंसा रही है।

6 साल से आईएसआई के लिए काम कर रहा था जाहिद
पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए मोहम्मद जाहिद ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया है। क्राइम ब्रांच के पुलिस अधीक्षक शाजेब रशीद खां ने बताया कि पुलिस ने जाहिद के उस लैपटॉप एवं मोबाइल को भी कब्जे में ले लिया है जिसके जरिए वह पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी (आईएसआई) को सूचनाएं भेज रहा था। आईबी सहित देश की सभी बड़ी गुप्तचर एजेंसियों के अधिकारियों ने खुर्जा में अपना डेरा डाल कर उससे गहनता से पूछताछ शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि जाहिद ने दिल्ली, गाजियाबाद, रोहतक जिलों से संबंधित जानकारियां पाकिस्तान को ट्रांसफर कर दी हैं। वर्तमान में वह मेरठ सैनिक छावनी की जानकारियां व्हाट्सअप के द्वारा भेजता था। उन्होंने बताया कि वह पिछले 6 साल से आईएसआई के लिए काम कर रहा था। उन्होंने बताया कि जाहिद के खाते की जांच के दौरान 90 हजार रुपए पाए गए हैं इनमें 50 हजार रुपए पिछले महीने ट्रांसफर हुए थे। जाहिद ने पूछताछ में बताया कि जल्द ही 2 पाकिस्तानी युवक उसके पास आने वाले थे।

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