Edited By Ruby,Updated: 20 Jul, 2018 04:23 PM
मशहूर गीतकार पद्मभूषण गोपालदास सक्सेना‘नीरज’की स्मृतियों को ताजा रखने के लिए लोगों ने उनकी जन्मस्थली इटावा जिले के पुरावली गांव में साहित्य साधना केंद्र बनाने की गुहार उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से लगाई है। महेवा ब्लाक के पुरावली गांव में...
इटावाः मशहूर गीतकार पद्मभूषण गोपालदास सक्सेना‘नीरज’की स्मृतियों को ताजा रखने के लिए लोगों ने उनकी जन्मस्थली इटावा जिले के पुरावली गांव में साहित्य साधना केंद्र बनाने की गुहार उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से लगाई है।
महेवा ब्लाक के पुरावली गांव में 4 जनवरी 1925 को जन्मे नीरज जब मात्र 6 साल के थे कि उनके सिर से पिता बृजकिशोर का साया उठ गया था। उसके बाद परिवार इकदिल कस्बे के कायस्थान मोहल्ले में रहने लगा था। नीरज का पालन पोषण उनके फूफा हरदयाल प्रसाद वकील साहब ने एटा में किया था। उनके निधन से पुरावली और इकदिल में शोक व्याप्त है। गांव के लोग चाहते हैं कि पुरावली में देश के जानेमाने कवि का स्मारक और उनकी मूर्ति की स्थापना की जाए।
इसके साथ ही साहित्य साधना केन्द्र का निर्माण हो जिससे यहां आने वाले साहित्य प्रेमियों को उनके बारे में समुचित जानकारी हो सके। पुरावली के ग्राम प्रधान सुभाष यादव ने कहा कि गांव में नीरज की पुश्तैनी जमीन है जिसकी गांव के लोग मिलजुल कर देखरेख करते हैं। अगर सरकार और जिला प्रशासन चाहे तो उस जगह पर स्मारक बनवा कर मूर्ति स्थापित करवाने के साथ साथ द्वार बनवा सकता है। इसके लिए गांव वाले भी मदद करने के लिए आगे आने को तैयार हैं।
गांव के महंत मदन मोहन ने कहा कि प्रख्यात कवि का यह मकान था जिस जगह पर मैं बैठा हुआ हूं। यह सब जगह उनकी ही है। उनकी जगह पर ही मंदिर बना हुआ है। जब कभी गोपाल यहां आए तो ठाकुर जी के दर्शन करके ही गए।