बसपा MLC महमूद अली, हाजी इकबाल सहित 4 के घरों पर कब्जा करेगा प्रशासन

Edited By Anil Kapoor,Updated: 14 Jul, 2018 11:29 AM

bsp mlc mahmood ali haji iqbal will occupy 4 houses including administration

न्यायालय ने बसपा एमएलसी महमूद अली, पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल, मो. ईनाम और अब्दुल वहीद (मृतक) द्वारा चकरौता रोड ग्राम मिर्जापुर पोल में हरिजन महिला से जमीन खरीद कर बनाए गए मकान की 2564.71 वर्ग गज जमीन को सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया है।

सहारनपुर: न्यायालय ने बसपा एमएलसी महमूद अली, पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल, मो. ईनाम और अब्दुल वहीद (मृतक) द्वारा चकरौता रोड ग्राम मिर्जापुर पोल में हरिजन महिला से जमीन खरीद कर बनाए गए मकान की 2564.71 वर्ग गज जमीन को सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया है। न्यायालय ने तहसीलदार बेहट को आदेश दिया है कि वह इस जमीन पर कब्जा प्राप्त कर लें।

जानकारी के अनुसार पंजाब केसरी ने 29 दिसम्बर 2017 को ‘...तो हरिजन की कृषि भूमि पर बना है पूर्व एमएलसी का घर’ शीर्षक के तहत समाचार प्रकाशित किया था जिसका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने एसडीएम बेहट से जांच कराई थी। एसडीएम बेहट ने अपनी जांच रिपोर्ट बीते जनवरी 2018 में जिलाधिकारी को दे दी थी। रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी न्यायालय में वाद संस्थित हो गया था और जिलाधिकारी ने उसे निस्तारण के लिए अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया था।

न्यायालय ने उक्त तीनों और मृतक अब्दुल वहीद के उत्तराधिकारियों को नोटिस भेजकर उनका पक्ष जाना था। सरकारी अधिवक्ता ने बहस में कहा था कि खुशहाली पत्नी भरथू निवासी मिर्जापुरपोल तहसील बेहट से 22 जुलाई 1999 को एमएलसी महमूद अली के नाम 555.38 वर्गगज, पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के नाम 187.33 वर्गगज, मो. ईनाम के नाम 846 वर्गगज और अब्दुल वहीद के नाम 960 वर्गगज जमीन 22 जुलाई 1999 में बिना परमिशन के खरीदी गई थी। इस पर उत्तर प्रदेश जमींदारी विनास अधिनियम एवं भू व्यवस्था 1950 की धारा 166-167 और उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 104-105 लागू होती है। विपक्षी के अधिवक्ता ने बताया था कि वह जमीन आबादी की थी इसलिए उत्तर प्रदेश जमींदारी विनास अधिनियम एवं भू व्यवस्था 1950 की धारा 166-167 और उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 104 और 105 लागू नहीं होती है किन्तु वह इसका ठोस आधार कोर्ट में नहीं दे पाए।

अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व विनोद कुमार ने दोनों अधिवक्ताओं की दलीलें और रिकार्ड देखते हुए मान लिया कि खसरा नंबर 252 से उक्त 2564.71 वर्गगज जमीन उक्त लोगों द्वारा सक्षम अधिकारी के बिना अनुमति के खरीदना गलत है, इसलिए न्यायालय ने इसे सरकार में मर्ज किए जाने का आदेश पारित किया है। इसके साथ ही न्यायालय ने तहसीलदार बेहट को आदेश दिया है कि वह जमीन उक्त जमीन को सरकारी रिकार्ड में सरकार के नाम पर दर्ज कर उस पर कब्जा प्राप्त कर लें। इस मामले में बात करने पर अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व विनोद कुमार ने बताया कि उनके न्यायालय से उक्त आर्डर पारित किया गया है।

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