हाईटेक प्रचार से दूर रहेगी ‘BSP’, पुराने परंपरागत तरीके से ही चुनाव मैदान में उतरेगी

Edited By Anil Kapoor,Updated: 12 Mar, 2019 02:08 PM

bsp away from hytek publicity elections will be held in old traditional way

बहुजन समाज पार्टी (BSP) आगामी लोकसभा चुनावों में भी ‘हाई टेक प्रचार प्रसार‘ से दूर रहेगी और पार्टी पुराने परंपरागत तरीके अपनाकर ही चुनाव मैदान में उतरेगी। बसपा का प्रचार पुराने परंपरागत तरीके से ही होगा जिसमें अधिक से अधिक स्थानों पर पार्टी प्रमुख...

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) आगामी लोकसभा चुनावों में भी ‘हाई टेक प्रचार प्रसार‘ से दूर रहेगी और पार्टी पुराने परंपरागत तरीके अपनाकर ही चुनाव मैदान में उतरेगी। बसपा का प्रचार पुराने परंपरागत तरीके से ही होगा जिसमें अधिक से अधिक स्थानों पर पार्टी प्रमुख मायावती की जनसभाएं आयोजित करना और कार्यकर्ताओं द्वारा गांव-गांव, बूथ-बूथ जाकर जनसंपर्क अभियान करना शामिल हैं। इसका मतलब यह कि बसपा के प्रचार प्रसार में ना तो बड़े बड़े एलईडी लगेंगे, ना हाईटक रथ और ना ही कोई आईटी सेल सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार की जंग में विरोधी पार्टियों से दो-दो हाथ करेंगी।

बसपा प्रमुख मायावती वैसे तो कुछ दिन पहले ही पहली बार ट्वीटर पर आई थी और देखते ही देखते उनके फॉलोअर की संख्या करीब डेढ़ लाख तक पहुंच गई है। हालांकि कुछ बड़ी जनसंपर्क एजेंसिया (पीआर) (सोमवार) बसपा के लखनऊ स्थित कार्यालय गई थी और पार्टी के कुछ नेताओं के सामने अपने काम का प्रस्तुतीकरण भी किया था लेकिन उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला था। ऐसी ही एक पीआर कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि हां मेरी कंपनी कल बसपा कार्यालय गई थी और हम कैसे पार्टी का हाई टेक प्रचार प्रसार कर सकते है, इस बारे में प्रस्तुतीकरण भी किया था लेकिन मुझे कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला।

उन्होंने यह भी कहा कि उनके जैसी कई अन्य पीआर कंपनिया भी कल बसपा कार्यालय गई थी और अपने विज्ञापन कार्यों का विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया था। इस बारे में बसपा के एक वरिष्ठ नेता ने माना कि कुछ विज्ञापन और पीआर कंपनियां पार्टी के प्रचार प्रसार के सिलसिले काम मांगने के लिए सोमवार को पार्टी कार्यालय में आई थी लेकिन उन्हें मना कर दिया गया, क्योंकि पार्टी अपने पारंपरिक प्रचार प्रसार में ही विश्वास करती है। मायावती पहली बार ट्वीटर पर तो आई लेकिन इसका इस्तेमाल वह केवल अपने बयान जारी करने के लिए ही कर रही है। पार्टी के अन्य बड़े नेता सोशल मीडिया से गायब है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक उनका मतदाता बहन जी की बातों को ध्यान से सुनता है और उसी आधार पर मतदान करता है, वह सोशल मीडिया या विज्ञापन के प्रचार प्रसार पर भरोसा नहीं करता है। पार्टी कार्यकर्ता बसपा का साहित्य प्रत्येक गांव-गांव में पहुंचाएंगे। कुछ दिन पहले पार्टी के लोगों को लोकसभा चुनाव से पहले प्रचार-प्रसार सामग्री छपवाने और उसे लगाने के लिए विस्तृत निर्देश पार्टी नेताओं द्वारा दिए गए हैं। होर्डिंग और बैनर या फिर अन्य किसी तरह की प्रचार सामग्री में मायावती के बराबर में तस्वीर छपवाने वाले अब सीधे पार्टी से बाहर कर दिए जाएंगे। यह निर्देश पिछले सप्ताह बसपा लखनऊ मंडल के सम्मेलन में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को दिए गए हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार नेताओं को निर्देश दिए गए है कि लोकसभा चुनाव में होर्डिंग और बैनर बहुत सोच समझ कर लगाए जाएं। होर्डिंग में मायावती के सामने उनके बराबर कोई अपनी फोटो ना लगाएं। बहन जी के सामने कांशीराम या फिर बसपा चुनाव चिह्न हाथी की फोटो लगाई जाए। ऊपर समाज के महापुरुषों की फोटो लगेगी और नीचे होर्डिंग लगाने वाले की फोटो लगेगी। इतना ही नहीं इसे बनवाने से पहले अनुमति भी लेनी होगी। आगामी लोकसभा चुनावों में सपा, बसपा और राष्ट्रीय लोकदल एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे है। इसमें बसपा उत्तर प्रदेश की 38 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

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