Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 27 Dec, 2018 06:40 PM
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्टिंग में रिश्वत मांगते नजर आ रहे तीनों मंत्रियों के निजी सचिवों को गुरुवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। पूरे मामले की जांच के लिए लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानि...
लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने स्टिंग में रिश्वत मांगते नजर आ रहे तीनों मंत्रियों के निजी सचिवों को गुरुवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। पूरे मामले की जांच के लिए लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) राजीव कृष्ण की अगुवाई में स्पेशल इन्वेस्टीगेटिंग टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है । सरकार ने दस दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन महेश चंद गुप्ता ने तीनों आरोपी सचिवों को निलंबित कर दिया है। उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ जल्द ही मुकदमा दर्ज करा दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए एसआईटी की टीम में पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ एवं सतर्कता अधिष्ठान के वरिष्ठ अधिकारी सदस्य होंगे। विशेष सचिव आईटी राकेश वर्मा एसआईटी की जांच में सहयोग करेंगे। सरकार ने जांच रिपोर्ट दस दिनों के भीतर मांगी गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ के निर्देश पर ऐसे प्रकरणों की समीक्षा करने के भी निर्देश दिये गये है।
गौरतलब है कि एक निजी चैनल के स्टिंग में पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप कई विभागों के लिए घूस मांगते नजर आए। इसी तरह से खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडेय के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी भी आबकारी के एक काम के लिए डील करते नजर आये हैं। वहीं बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी किताबों के ठेके का सौदा करते दिखे हैं। मामला उजार होने के बाद सरकार हरकत में आई है।