Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Apr, 2018 02:37 PM
भाजपा ने उत्तर प्रदेश में गत 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान दलित संगठनों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा ने कहा हैै कि प्रदर्शन में हिंसा अपने आप नहीं हुई। इस घटना को एक सोची समझी रणनीति के तहत विपक्षी...
लखनऊ: भाजपा ने उत्तर प्रदेश में गत 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान दलित संगठनों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा ने कहा हैै कि प्रदर्शन में हिंसा अपने आप नहीं हुई। इस घटना को एक सोची समझी रणनीति के तहत विपक्षी दलों ने अन्जाम दिया है।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जारी बयान में कहा है कि दलितों द्वारा किए गए हिंसक प्रदर्शन के पीछे विपक्ष का हाथ है। इस सम्बन्ध में वह खासतौर पर बहुजन समाज पार्टी का नाम लेते हैं। उनका कहना था कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए उन्होने एक सोची समझी रणनीति के तहत इन घटनाओं को बढ़ावा दिया।
मौर्य ने कहा कि बसपा अध्यक्ष को इसके लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होने कहा कि बसपा अध्यक्ष मायावती को जवाब देना चाहिए कि गत 2 अप्रैल को हिंसक प्रदर्शन के जरिए आम आदमी को क्यों परेशान किया गया। प्रदर्शन में बसपा के नेता एवं कार्यकर्ता खुलेआम शामिल थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने भी इस घटना में बसपा अध्यक्ष का हाथ बताया। उन्होंने कहा कि मायावती को इसके लिए खेद व्यक्त करना चाहए।
उन्होंने कहा कि बसपा शासन के दौरान 29 अक्टूबर 2007 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने एक आदेश के जरिए एससी-एसटी अधिनियम के दुरूपयोग को रोकने की पहल की थी। लेकिन, अब इस अधिनियम के दुरूपयोग को रोकने के लिए न्यायालय ने आदेश दिया तो बसपा अध्यक्ष पीछे हट रही है। पाण्डेय ने दलितों से अपील की है कि बसपा के बहकावे न आए। इसके जरिए और कुछ नहीं बसपा राजनीतिक फायदा लेना चाहती है।