Edited By Anil Kapoor,Updated: 07 Feb, 2021 12:36 PM
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट कर भाजपा निशाना साधा। यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि भाजपा खुले आम अपनों को लाने के लिए पिछला दरवाज़ा खोल रही है और जो अभ्यर्थी....
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट कर भाजपा निशाना साधा। यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि भाजपा खुले आम अपनों को लाने के लिए पिछला दरवाज़ा खोल रही है और जो अभ्यर्थी सालों-साल मेहनत करते हैं उनका क्या। भाजपा सरकार अब खुद को भी ठेके पर देकर विश्व भ्रमण पर निकल जाए वैसे भी उनसे देश नहीं संभल रहा है।
जानकारी मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा लेटरल एंट्री भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। जिसमें विभिन्न सरकारी विभागों में संयुक्त सचिव और निदेशक जैसे प्रमुख पदों पर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को लेट्रल एंट्री यानी सीधे नियुक्त करने का फैसला किया है। कार्मिक मंत्रालय 2018 से सीधे नियुक्ति की प्रक्रिया के जरिए आवेदन आमंत्रित कर रहा है।
क्या है लेटरल एंट्री सिस्टम?
लेटरल एंट्री सिस्टम के तहत सरकारी विभागों में अधिकारियों भर्ती बिना परीक्षा दिए की जा सकती है। हालांकि इसके लिए कुछ वांछित योग्यताएं जरूरी हैं, जैसे उम्र सीमा, कार्यकुशलता, कार्यानुभव, शैक्षणिक योग्यता आदि। लेटरल एंट्री सिस्टम के तहत उम्मीदवारों को चयन इंटरव्यू के आधार पर किया जाता है। नौकरशाही में लेटरल एंट्री का पहला प्रस्ताव 2005 में लाया गया था लेकिन तब इसे माना नहीं गया। इसके बाद 2010 में भी इसकी अनुशंसा की गई लेकिन काम नहीं बन सका। इस दिशा में पहली गंभीर पहल 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद की गई थी।