Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 11 Aug, 2018 05:23 PM
मेरठ में होने वाली भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का वकीलों ने विरोध करते हुए हंगामा किया। वहीं सफाई कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर कार्यक्रम हॉल के बाहर पहुंच गए। उन्होंने ने भी ग्रह मंत्री और मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल के बाहर जमकर विरोध...
मेरठः मेरठ में होने वाली भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का वकीलों ने विरोध करते हुए हंगामा किया। वहीं सफाई कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर कार्यक्रम हॉल के बाहर पहुंच गए। उन्होंने ने भी ग्रह मंत्री और मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
सफाई कर्मचारियों की मानें तो प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान मिशन में सबसे अहम भूमिका सफाई कर्मचारियों की है। लेकिन मेरठ के सफाई कर्मचारियों का लगातार पिछली सरकार से उत्पीड़न होता रहा है। साथ ही उनका कहना है कि पिछली प्रदेश सरकार ने 2215 सफाई कर्मचारियों को संविदा से यह कहकर हटा दिया था कि वाल्मीकि समाज भाजपा का वोटर है। लेकिन अब भाजपा सरकार को बने हुए 1 साल से ज्यादा हो गया फिर भी सफाई कर्मचारियों की नहीं सुनी जा रही है।
आउटसोर्सिंग पर काम करने पर भी सफाई कर्मचारियों को 7 हजार 500 वेतन दिया जाता है। जिससे वह अपने परिवार का गुजारा करने में असमर्थ हैं। आज वह प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपनी संविदा बहाली करने की गुहार लगाने पहुंचे हैं।