Edited By Deepika Rajput,Updated: 04 Nov, 2018 01:58 PM
उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय मानते हैं कि जातीय समीकरणों के दिन अब लद चुके हैं, लेकिन विपक्षी दल अब भी गुजरे जमाने की राजनीति कर रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर गहमागहमी बढ़ने के बीच सूबे में बीजेपी की रणनीति तथा सपा-बसपा के...
लखनऊः उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय मानते हैं कि जातीय समीकरणों के दिन अब लद चुके हैं, लेकिन विपक्षी दल अब भी गुजरे जमाने की राजनीति कर रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर गहमागहमी बढ़ने के बीच सूबे में बीजेपी की रणनीति तथा सपा-बसपा के गठबंधन की सम्भावनाओं समेत विभिन्न राजनीतिक विषयों पर महेंद्र नाथ पांडेय से सवाल पेश हैं-
यूपी में सपा-बसपा का सम्भावित गठबंधन बीजेपी के लिए कितनी बड़ी चुनौती है? इस पर उन्होंने कहा कि जातीय समीकरणों के दिन अब लद चुके हैं। हमें नहीं लगता कि अगले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दल बीजेपी का सामना कर पाएंगे। वे अब भी गुजरे जमाने की राजनीति कर रहे हैं, जब जातीय समीकरण साधकर टिकटों का वितरण होता था और गठबंधन किए जाते थे। यह एक सक्रिय और निरंतरता के साथ काम कर रहे प्रधानमंत्री का युग है।
सपा-बसपा लगातार आरोप लगा रही है कि बीजेपी अपने वादे पूरे करने में नाकाम रही है? पांडेय ने कहा कि केंद्र में लगभग 10 साल तक कांग्रेस की अगुवाई में संप्रग सरकार रही। बसपा सुप्रीमो मायावती और उस वक्त सपा अध्यक्ष रहे मुलायम यादव ने उस सरकार को समर्थन दिया, मगर इसके बावजूद उत्तर प्रदेश का विकास नहीं हो पाया, क्योंकि ये दोनों ही पार्टियां अपने-अपने राजनीतिक स्वार्थ साधने में लगी थीं। जहां तक हमारे वादे पूरे करने का सवाल है तो देश में हो रहा विकास ही इसका जवाब है।
बीजेपी अगले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से 73 से ज्यादा सीटें जीतने का मंसूबा बांध रही है। गोरखपुर, फूलपुर और कैराना लोकसभा उपचुनाव में हार के बावजूद बीजेपी के इस आत्मविश्वास की क्या वजह है? उन्होंने ने कहा कि उपचुनाव के परिणामों को पूरे देश का जनादेश नहीं माना जा सकता। बीजेपी ने जमीनी स्तर तक अपनी पहुंच को बढ़ाया है। हम 73 प्लस का लक्ष्य जरूर हासिल करेंगे।