Edited By Deepika Rajput,Updated: 06 Nov, 2019 01:49 PM
बसपा सुप्रीमो मायावती ने उपचुनाव के नतीजों पर मंथन करने के लिए आज पार्टी पदाधिकारियों की अहम बैठक बुलाई। इस दौरान मायावती ने बड़ा फेरबदल करते हुए कोऑर्डिनेटर के पद को खत्म कर दिया। साथ ही संगठन में जोनल इंचार्ज और मंडलवार व्यवस्था को भी भंग कर दिया...
लखनऊः बसपा सुप्रीमो मायावती ने उपचुनाव के नतीजों पर मंथन करने के लिए आज पार्टी पदाधिकारियों की अहम बैठक बुलाई। इस दौरान मायावती ने बड़ा फेरबदल करते हुए कोऑर्डिनेटर के पद को खत्म कर दिया। साथ ही संगठन में जोनल इंचार्ज और मंडलवार व्यवस्था को भी भंग कर दिया गया।
बसपा में सेक्टर व्यवस्था लागू की गई। पूरे प्रदेश के संगठन को 4 सेक्टरों में बांटा गया है। मायावती ने 5-5 मंडलों के 2-2 सेक्टर बनाए और 4-4 मंडलों के 2-2 सेक्टर बनाए। बैठक के दौरान मायावती ने 2022 के मद्देनजर अभी से तैयारी शुरू करने के लिए कार्यकर्ताओं को निर्देश भी दिया। मायावती ने लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर और मेरठ मंडल को एक सेक्टर में रखा है। दूसरे सेक्टर में आगरा, अलीगढ़, कानपुर, चित्रकूट और झांसी मंडल को रखा गया है। तीसरे सेक्टर में इलाहाबाद, मिर्जापुर, फैजाबाद और देवीपाटन मंडल शामिल हैं। चौथे सेक्टर में वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर और बस्ती शामिल हैं।
इसके साथ ही बीएसपी मुखिया मायावती ने एक बार फिर अमरोहा से बसपा सांसद कुंवर दानिश अली को लोकसभा में पार्टी का नेता बना दिया है। कुछ दिन पहले ही उन्हें इस पद से हटाया गया था और श्याम सिंह यादव को नेता बनाया था। अब श्याम सिंह को हटाकर वापस दानिश अली को बहाल कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि, योगी आदित्यनाथ सरकार के पिछले ढाई साल के कार्यकाल का इम्तिहान माने जाने रहे विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी 11 में से 8 सीटों पर जीत हासिल कर अपनी प्रतिष्ठा बरकरार रखने में सफल रही। वहीं मुख्य विपक्षी दल सपा ने अपने पिछले प्रदर्शन में सुधार करते हुए रामपुर के अलावा 2 और सीटें झटकी। नफा नुकसान की बात करें तो उपचुनाव जहां सपा में उत्साह का संचार करने में सफल रहा, वहीं बसपा के लिए यह मायूसी भरा रहा। इस उपचुनाव में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया।