भैया दूज: जानिए, यम द्वितीया में बहन के साथ स्नान करने का विशेष महत्व

Edited By Umakant yadav,Updated: 15 Nov, 2020 04:11 PM

bhaiya dooj know the importance of bathing with sister in yama dwitiya

यम द्वितीया पर पतित पावनी यमुना के विश्राम घाट पर बहन के साथ भाई के स्नान करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार यम द्वितीया 16 नवम्बर को है।

मथुरा: यम द्वितीया पर पतित पावनी यमुना के विश्राम घाट पर बहन के साथ भाई के स्नान करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार यम द्वितीया 16 नवम्बर को है। देश के अन्य भागों में दीपावली के बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज के रूप में मनाते हैं वहीं मोक्ष प्राप्त की आशा में देश के कोने कोने से यम द्वितीया पर तीर्थ यात्री चुम्बक की तरह मथुरा की ओर खिंचे चले आते हैं। इन यात्रियों में गुजरात के लोगों की संख्या बहुत अधिक होती है क्योंकि गुजराती यमुना और गिरराज जी के अटूट भक्त हैं। यम द्वितीया पर तो गुजराती अपने घर यमुना जल को एक लोटी में बन्द कराकर ले जाते हैं तथा इस जल के छीटें अपने लोगों पर डालने तथा जल का पूजन करने के लिए लोटी खोलने के पहले धार्मिक आयोजन किया जाता है।

जिला प्रशासन ने इस स्नान के लिए इसलिए विशेष व्यवस्था की है कि इसमें लाखों भाई बहन स्नान के लिए आते हैं। जिलाधिकारी सर्वज्ञ राम मिश्र ने बताया कि यमुना के किनारे के भाग को दो जोन और आठ सेक्टर में बांटा गया है। जोन की जिम्मेदारी जोनल मजिस्ट्रेट के रूप में अपर जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी संभालेंगे वहीं सेक्टर मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी एसडीएम स्तर के अधिकारी देखेंगे।       

उन्होंने बताया कि डूबने की घटना को रोकने के लिए विश्राम घाट के स्नानस्थल को बल्लियों से घेर दिया गया है तथा साथ में तीन तरफ से नाव लगा दी गई हैं। इसके बावजूद चूंकि भीड़भाड़ से बचने के लिए बहुत से लोग यमुना के उस पर विश्राम घाट के सामने या अन्य घाटों पर नहाते हैं इसलिए डूबने की घटना को रोकने के लिए गोताखोरों की व्यवस्था की गई है साथ ही मोटर बोट की व्यवस्था की गई है।       

महिलाओं के वस्त्र बदलने के लिए घाट किनारे ‘चेंज रूम' की भी व्यवस्था की गई है। खोया पाया केन्द्र के अलावा दिन जैसे प्रकाश की व्यवस्था इसलिए की गई है कि यह स्नान तड़के तीन बजे से शुरू हो जाता है। इसके अलावा अनवरत विद्युत आपूर्ति को सुनिश्चित किया गया है। इस स्नान पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं भारी पुलिस बल घाटों पर लगाया गया है तथा तैराक पीएसी की भी व्यवस्था की गई है। इसके साथ साथ सादा वर्दी में घाट पर महिला व पुरूष पुलिसकर्मी भी लगाए गए हैं।

यम द्वितीया पर मथुरा में यमुना के विश्राम घाट पर भाई-बहन के साथ साथ स्नान से जुड़ी पौराणिक घटना का जिक्र करते हुए अनूपयति गीता आश्रम वृन्दावन के आचार्य महामंडलेश्वर डा अवशेष स्वामी ने बताया कि भाई दूज पर अपनी बहन यमुना से मिलने के लिए जब यमराज गए तो उन्होंने उनकी बहुत आवभगत की। अपनी आवभगत से खुश होकर यमराज ने यमुना से वरदान मांगने को कहा तो यमुना ने कहा कि आज के दिन जो भी भाई बहन साथ साथ तरल यमुना में स्नान करें उन्हें यमलोक न जाना पड़े तथा सीधे मोक्ष मिल जाय।

उन्होंने बताया कि इस पर यमराज ने कहा कि चूंकि यमुना तो बहुत बड़े क्षेत्र में फैली हुई हैं इसलिए वरदान को छोटा मांगों। इसके बाद यमुना के कहने पर उन्होंने वरदान दिया कि जो भाई बहन यमद्वितीया के दिन साथ साथ मथुरा में यमुना के विश्राम घाट पर स्नान करेंगे उन्हें यमलोक नही जाना पड़ेगा। इसी कारण से भाई बहन यम द्वितीया पर मथुरा के विश्राम घाट पर साथ साथ स्नान करने के लिए मथुरा की ओर खिंचे चले आते हैं।

वे यमुना में स्नान करने के बाद यमुना किनारे बने यमराज मन्दिर में पूजन के लिए जाते हैं जहां पर यमुना और धर्मराज की प्रतिमाए हैं। यमराज के दिये गए वरदान के कारण ही कहा जाता है कि यमद्वितीया पर मथुरा के विश्राम घाट पर यमुना में स्नान से मोक्ष़ का द्वार खुल जाता है।

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