Edited By Deepika Rajput,Updated: 26 Jun, 2019 01:15 PM
भिक्षावृत्ति से जुड़े लोगों की जिंदगी संवारने के लिए योगी सरकार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। योगी सरकार ने राज्य के भिखारियों को नौकरी देने का ऐलान किया है। जिसके तहत लखनऊ में नगर निगम द्वारा भीख मांगने वाले लोगों को रोजगार से जोड़ने की पहल की जा रही...
लखनऊ: भिक्षावृत्ति से जुड़े लोगों की जिंदगी संवारने के लिए योगी सरकार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। योगी सरकार ने राज्य के भिखारियों को नौकरी देने का ऐलान किया है। जिसके तहत लखनऊ में नगर निगम द्वारा भीख मांगने वाले लोगों को रोजगार से जोड़ने की पहल की जा रही है। वहीं हैरानी की बात तो यह है कि भिखारी रोजगार करने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका मानना है कि भीख मांगने से ज्यादा मुनाफा होता है।
जानिए क्या है भिक्षावृत्ति में लगे इन लोगों की राय
लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर लगभग 20 साल से भिक्षावृत्ति में लगे आशू का कहना है कि इस धंधे में ठीक-ठाक कमाई हो जाती है। हम लोगों के हफ्तेवार चौराहे बंधे होते हैं। आशू ने कहा कि मुझे यही ठीक लगता है। मैं किसी और काम में नहीं जाना चाहता। वहीं हनुमान सेतु के सामने बैठकर भीख मांगने वाले सूरज का कहना है कि सरकार की कोई भी योजना मेरे लिए ठीक नहीं है। मेरी 1 दिन की कमाई ही 1500 रुपये है। नगर निगम की योजना पर उसने कहा कि हम कूड़ा कलेक्शन से कितना कमा पाएंगे। यहां बैठे-बैठे हमे पैसों के साथ भरपेट भोजन भी मिलता है।
बड़े लोगों के आने से मिलता है अच्छा पैसा और खाना
40 साल से इस पेशे में लगे बुजुर्ग भिखारी रामदुलारे ने कहा कि नगर-निगम की सुविधा हमारे लिए ठीक नहीं है। हम तो यहीं पर अच्छ महसूस करते हैं। कम से कम मंगलवार को हमारा धंधा ठीक रहता है। बड़े लोगों के आने से अच्छा पैसा और खाना मिलता है, इसलिए हम कहीं और जाने वाले नहीं हैं।