Edited By Deepika Rajput,Updated: 23 Sep, 2018 12:29 PM
लोकतंत्र में चौथा स्तंभ माने जाने वाली मीडिया आज के समय में कहीं ना कहीं मारपीट का शिकार हो रही है। इसकी ताजी बानगी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में देखने को मिली है। यहां एक प्रधानाध्यापिका ने पति के साथ मिलकर महिला पत्रकार की जमकर पिटाई की। महिला...
इटावाः लोकतंत्र में चौथा स्तंभ माने जाने वाली मीडिया आज के समय में कहीं ना कहीं मारपीट का शिकार हो रही है। इसकी ताजी बानगी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में देखने को मिली है। यहां एक प्रधानाध्यापिका ने पति के साथ मिलकर महिला पत्रकार की जमकर पिटाई की। महिला पत्रकार का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने स्कूल में झाड़ू लगा रहे बच्चों की तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद कर लिया।
मामला थाना इकदिल क्षेत्र के कुशगंवा गांव में मौजूद प्राथमिक विद्यालय का है। यहां तैनात प्रधानाध्यापिका शैलेश कुमारी की हिटलरशाही से विद्यार्थी, स्टाफ व अभिभावक बेहद परेशान हैं। शनिवार सुबह जब विद्यार्थी स्कूल पहुंचे तो उन्हें पढ़ाने की जगह प्रधानाध्यापिका ने झाड़़ू लगाने के काम में लगा दिया। जब इस दृश्य को मौके पर मौजूद एक स्थानीय महिला पत्रकार ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया तो यह देखकर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका आग बबूला हो गई।
उसने अपने पति के साथ मिलकर महिला पत्रकार को स्कूल में बंधक बनाकर जमकर पीटा और उसका मोबाइल भी छीन लिया। मौके पर मौजूद विद्यालय के छात्रों व अभिभावकों ने पूरी घटना की जानकारी ग्रामीणों को दी। सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने विद्यालय पहुंचकर महिला पत्रकार को बचाया।
अभिभावकों ने बताया कि प्रधानाध्यापिका शैलेश कुमारी विद्यालय में छात्रों को पढ़ाती नहीं है। विद्यालय के समय पर विद्यार्थी स्कूल के बाहर खेतों में घूमते रहते हैं। उसकी इन हरकतों का जो भी विरोध करता है तो वह उसे एससी/एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी देकर उसका मुंह बंद करवा देती है।
इस मामले बीएसए अजय कुमार सिंह का कहना है कि वीडियो मेरे संज्ञान में है। प्रधानाध्यापिका से मामले में लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही एबीएसए को जांच के आदेश भी दिए हैं। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।