Edited By Anil Kapoor,Updated: 14 Oct, 2018 01:26 PM
अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मुगल बादशाह बाबर के कथित वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने भगवान श्रीराम के मंदिर के निर्माण की पहल करते हुए सबसे पहले सोने की ईट लगाने की बात कही है।
इटावा: अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मुगल बादशाह बाबर के कथित वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने भगवान श्रीराम के मंदिर के निर्माण की पहल करते हुए सबसे पहले सोने की ईट लगाने की बात कही है। इटावा के वृंदावन गार्डन में अपने सैकड़ों साथियों के साथ अयोध्या कूच से पहले पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए 2 दिन तक गोरखपुर मेंं भटके लेकिन उन्हे निराशा हाथ लगी।
तुसी ने कहा कि इस मुद्दे पर हिन्दू-मुसलमान का कोई विवाद नहीं है। राजनेता इस पर बेवजह राजनीति कर रहे हैं। वह राष्ट्रपति के पास जाकर अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण की वकालत करेंगे। बाबर के वंशज ने कहा कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी लेकिन अदालत ने इसे विवादित ढांचा बोला है। वहां पर ना मंदिर का मसला है और ना मंदिर का। वहां पर जमीन का मसला है। टाइटल सूट के मुताबिक यह जमीन बाबर की निकल रही है। इसलिए इस मामले में उन्होंने राष्ट्रपति से समय मांगा है क्योंकि राष्ट्रपति को यह अधिकार होता है कि जो मामला न्यायालय में चल रहा है, उस पर वह कोर्ट को निर्देश दे सकते हैं।
न्यायालय ने कहा है कि वह पुराने पक्ष को सुनेंगे लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड जमीन की मालिक नहीं बन सकती है जब कि हम जमीन के मालिक हैं। हम राष्ट्रपति को लिखकर देंगे और एक याचिका भी दायर करेंगे कि इस मुद्दे को जल्द से जल्द खत्म किया जाए। इस मुद्दे को संसद या सुप्रीम कोर्ट को रेफर किया जाए और मंदिर बनवा दिया जाए। उन्होने संभावनाएं जताई कि जिस हल्के ढंग से इस मुद्दे को लिया जा रहा है उसे देखकर कहा जा सकता है कि 2019 के बाद 2024 में भी यह मुद्दा खत्म नहीं होगा जिससे हिंदू-मुसलमान की नई पीढ़ी के दिलों में नफरत पैदा होगी इसलिए उनका मानना है कि यह मुद्दा जल्द से जल्द खत्म हो।