Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Apr, 2018 02:41 PM
मिशन-2019 के लिए बढ़ रही सपा-बसपा दोस्ती और मजबूत हो सकती है। इसके लिए दोनों पार्टी के नेता रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं। सूत्रों की मानें को आगामी विधान परिषद चुनाव में अखिलेश गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव पर रिटर्न गिफ्ट दे सकते हैं।
लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बढ़ रही सपा-बसपा की दोस्ती और मजबूत हो सकती है। इसके लिए दोनों पार्टियों के नेता रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं। सूत्रों की मानें को आगामी विधान परिषद चुनाव में अखिलेश गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव पर बसपा को रिटर्न गिफ्ट दे सकते हैं। पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार सपा एमएलसी के तौर पर आंबेडकर का नाम आगे कर सकती है। भीमराव बीते दिनों राज्य सभा चुनाव में बीजेपी के 9वें उम्मीदवार से हार गए थे। अखिलेश तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें चुनाव नहीं जिता पाए थे। एेसे में बुआ को रिटर्न गिफ्ट देने के लिए उनकी ये प्लानिंग हो सकती है।
5 मई को परिषद की 13 सीटों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। हालांकि, जो वोटों को समीकरण है, उससे सत्ता पक्ष और विपक्ष में संघर्ष के आसार कम हैं। विधान परिषद की 12 सीटें 5 मई को खाली हो रही हैं। वहीं, सपा से बसपा में गए अंबिका चौधरी के इस्तीफे के चलते एक सीट पहले ही खाली चल रही है।इसमें 7 सीटें सपा, 3 बसपा, 2 भाजपा और एक आरएलडी की है। इन 13 सीटों पर चुनाव की अधिसूचना अगले महीने के पहले हफ्ते में जारी होने के आसार हैं।
विधान परिषद चुनाव में विधायकों के लिए राज्य सभा की तरह अपना वोट दिखाने की बाध्यता नहीं होती। इसलिए यहां अपेक्षाकृत अधिक क्रॉस वोटिंग होती है। फिलहाल 12वीं सीट जिताने भर के वोट न बीजेपी के पास दिख रहे हैं और नही तीसरी सीट जीतने पर माद्दा विपक्ष मेें दिख रहा है। इसलिए परिषद में घमासान की बजाय निर्विरोध निर्वाचन होने के ही आसार ज्यादा हैं। हालांकि एक बार फिर साथियों को सहेजना आसान नहीं होगा। दूसरी ओर विपक्ष संयुक्त दावेदारी में ही कम से कम 2 सीट जीतने में सफल हो पाएगा। परिषद में सहयोग का वादा भी कसौटी पर होगा।
एक तीर से कई निशाने
राज्य सभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाने शुरु कर दिए थे कि अखिलेश मदद ले तो सकते हैं लेकिन दे नहीं सकते। हालांकि इसका जवाब मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वे अखिलेश से ज्यादा तजुर्बे वाली हैं इसलिए ये गठबंधन कायम रखेंगी। अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने भी संकेत दिए थे कि वह रिटर्न गिफ्ट देंगे।
इनका खत्म हो रहा कार्यकाल
बसपा: विजय प्रताप,सुनील कुमार चितौड़
पहले से खाली: अंबिका चौधरी(सपा से बसपा में जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था)
रालोद: चौधरी मुश्ताक
भाजपा: महेंद्र कुमार सिंह,मोहसिन रज़ा
सपा: अखिलेश यादव,नरेश चंद उत्तम,राजेंद्र चौधरी,मधु गुप्ता,रामसकल गुर्जर,विजय यादव.उमर अली खान।