अयोध्या में लगेगी भगवान राम की भव्य प्रतिमा, इस बात को लेकर उठी आपत्ति

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Oct, 2017 04:47 PM

ayodhya will be seen in the grand statue of lord rama  raised objection

अयोध्या के विवादित श्रीरामजन्मभूमि/बाबरी मस्जिद विवाद में एक पक्षकार सेन्ट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड....

लखनऊ: अयोध्या के विवादित श्रीरामजन्मभूमि/बाबरी मस्जिद विवाद में एक पक्षकार सेन्ट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या में सरकारी पैसे से राम की प्रतिमा लगाने की घोषणा पर कड़ी आपत्ति जताई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और सेन्ट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से अयोध्या विवाद में वकील जफरयाब जिलानी सरयू तट पर सरकारी पैसे से राम की भव्य प्रतिमा लगाने के खिलाफ हैं।

जिलानी ने कहा कि संवैधानिक दृष्टि से यह कतई उचित नहीं है। वह इस मसले पर अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए आपस में राय मशविरा कर रहे हैं, लेकिन इस पर संवैधानिक आपत्ति जरुर दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि सत्तारुढ़ भाजपा यह सब चुनाव की वजह से कर रही है, लेकिन उसे यह समझना चाहिए कि सरकार को मजहबी काम अपने पैसे से नहीं करने चाहिए। उन्होंने दावा किया कि 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कहा था कि सरकारी पैसे से धार्मिक काम नहीं किया जाना चाहिए।

जिलानी का कहना था कि वह चाहते हैं कि प्रतिमा लगाने पर संवैधानिक आपत्ति भी दर्ज हो जाए और भाजपा को कोई राजनीतिक लाभ भी न मिल पाए। इससे मजहबी जज्बात जुड़े हैं। भाजपा तो चाहती है कि इस तरह के मामले उछलते रहें। उनका कहना था कि अजमेर पवित्र दरगाह है तो क्या सरकार दरगाह पर अपने पैसे खर्च कर सकती है। पर्यटन की दृष्टि से किसी क्षेत्र को बढ़ाना है तो वहां सड़के बनवा दी जाएं। हवाई कनेक्टीविटी बढ़ा दी जाए। पर्यटन को बढाने के लिये उस क्षेत्र में खूब विकास करवा दिया जाए। सरकार अपने पैसे से धार्मिक आयोजन कैसे करवा सकती है।

उन्होंने कहा कि मूर्ति लगवाना सरकार का काम नहीं है। सरकार जमीन उपलब्ध कराकर विश्व हिन्दू परिषद या किसी अन्य संगठन से मूर्ति लगवा सकती है। अयोध्या के विकास पर बोर्ड को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन सरकारी पैसे से मूर्ति लगवाना संवैधानिक दृष्टि से गलत है। शिया धर्म गुरु और ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना कल्वे सादिक ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार किया। उनका कहना था कि उन्हें अभी इस बारे में ठोस जानकारी नहीं है, मामले को समझ लेने के बाद ही वह कोई टिप्पणी कर सकते हैं।

उधर, विश्व हिन्दू परिषद ने जिलानी की आपत्ति को पूर्वाग्रह से ग्रस्त बताया। परिषद के शरद शर्मा का कहना था कि अयोध्या में राम की प्रतिमा लगने पर किसी को एतराज नहीं होना चाहिए। सभी जानते हैं कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है। अयोध्या में राम की प्रतिमा नहीं लगेगी तो कहां लगेगी। अच्छा होता कि जिलानी और उनके समर्थक अयोध्या में राम की प्रतिमा लगवाने में मदद करते। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या को पर्यटन की दृष्टि से विश्व मानचित्र पर लाने के लिए सरयू तट पर राम की भव्य प्रतिमा लगाने के साथ ही कई अन्य विकास योजनाओं की घोषणा की है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!