Edited By Ajay kumar,Updated: 05 Nov, 2019 12:11 PM
राम की नगरी में प्रसिद्ध 14 कोसी परिक्रमा आज सुबह 6:05 पर शुरू हो गयी। लाखों श्रद्धालुओं ने अपनी परिक्रमा जगह-जगह से उठाई। यह परिक्रमा
अयोध्याः राम की नगरी में प्रसिद्ध 14 कोसी परिक्रमा आज सुबह 6:05 पर शुरू हो गयी। लाखों श्रद्धालुओं ने अपनी परिक्रमा जगह-जगह से उठाई। यह परिक्रमा 24 घंटे तक होती रहती है। कल सुबह 7:29 तक श्रद्धालु परिक्रमा कर सकेंगे। देश के कोने-कोने से आए लाखों श्रद्धालु आस्था की पग पर परिक्रमा कर रहे हैं।
बताते चलें कि यह परिक्रमा 24 घंटे तक होती रहती है। और श्रद्धालु विभिन्न स्थानों से परिक्रमा शुरु करते हैं। कोई श्रद्धालु नया घाट से, कोई श्री राम मंदिर कार्यशाला से, कोई नाका हनुमानगढ़ी से, कोई सआदतगंज हनुमानगढ़ी से तो कोई गुप्तार घाट से परिक्रमा शुरू कर रहा है। जिला प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।
ड्रोन कैमरे की नजर में 14 कोसी परिक्रमा को संपन्न कराया जा रहा है। मान्यता है कि भगवान श्री राम लंका विजय के बाद जब अयोध्या आए तो दिवाली मनाई गई और दिवाली के दूसरे दिन भगवान श्रीराम को छप्पन भोग लगाया गया। माना जाता है कि 14 वर्ष वनवास में रहने पर भगवान श्रीराम ने कंदमूल फल खाए थे जिसके बाद अयोध्या वासियों ने उन्हें छप्पन भोग खिलाया।
उसके बाद अपनी जनता का हाल-चाल लेने के लिए इसी 14 कोसी मार्ग पर नंगे पैर पैदल चल कर लगभग 45 किलोमीटर यात्रा कर भगवान श्रीराम ने अयोध्यावासियों का हालचाल लिया था। जिसके बाद यह परंपरा जारी है। आस्था के इस पग पर श्रद्धालु परिक्रमा पथ से धूल उठा कर अपने माथे पर लगाते हैं। उनका मानना है कि इसी पग पर भगवान श्री राम के चरण कमल पड़े थे और वे भगवान की धूलि उठाकर खुद को धन्य मानते हैं।