अयोध्या विवाद: मोदी ने सिब्बल पर साधा निशाना, वक्फ बोर्ड ने कांग्रेस नेता के साथ जताई असहमति

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 10:38 AM

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कपिल सिब्बल की ओर से अयोध्या मामले की सुनवाई 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद तक टालने की दलील दी गई थी। जिसके बाद यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि वह इस राय के खिलाफ है और मामले का जल्द निपटारा चाहती है।

लखनऊ\नई दिल्ली: कपिल सिब्बल की ओर से अयोध्या मामले की सुनवाई 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद तक टालने की दलील दी गई थी। जिसके बाद यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि वह इस राय के खिलाफ है और मामले का जल्द निपटारा चाहती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निशाने पर आए सिब्बल ने दावा किया कि उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड की पैरवी नहीं की। सिब्बल ने कहा कि मोदी को उनकी आलोचना करने से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए।

सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने कहा कि बोर्ड का मत है कि मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करके उसका निबटारा किया जाना चाहिए। मुझे यह नहीं पता कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने किसके निर्देश पर 2019 में सुनवाई की बात कही। हमारी तरफ से तो ऐसे कोई निर्देश नहीं थे। सिब्बल की दलील के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि कल सिब्बल ने मुस्लिम समुदाय के मुद्दे की वकालत की। उन्हें ऐसा करने का हक है और हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है। आप बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए सभी तथ्यों एवं कानूनों का हवाला देते हुए अपनी दलील पेश कर सकते हैं।

मोदी ने कहा कि वह अब समझते हैं कि कांग्रेस ने क्यों कई मुद्दों को उलझाए रखा। उन्होंने इसे लेकर विस्तार में कुछ नहीं कहा लेकिन इसके पीछे राजनीतिक लाभ हासिल करने को कारण बताया। उन्होंने कांग्रेस से पूछा कि क्या वक्फ बोर्ड चुनाव लड़ता है? क्या चुनाव के लिए सुनवाई टालने के विचार वक्फ बोर्ड के हैं? देश में कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ रही है। आप चुनाव में राजनीतिक लाभ-हानि के लिए मामले को उलझाए रखना चाहते हैं?

सिब्बल ने कहा कि मुझे पता चला है कि प्रधानमंत्री और अमित शाह ने कहा है कि मैंने उच्चतम न्यायालय में सुन्नी वक्फ बोर्ड की पैरवी की, लेकिन मैंने सुन्नी वक्फ बोर्ड की कभी पैरवी नहीं की। बेहतर होता कि प्रधानमंत्री अधिक सावधान रहते और सार्वजनिक रूप से कुछ कहने से पहले तथ्यों की जांच करते। मैंने अदालत में उनके विभाजनकारी एजेंडे के बारे में जो कहा उसको उन्होंने एक दिन में ही सही साबित कर दिया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बाबरी मस्जिद कमेटी के संयुक्त संयोजक सैयद कासिम रसूल इलियास ने बताया कि सिब्बल इस मामले के प्रमुख वादी रहे हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल की तरफ से उच्चतम न्यायालय की तरफ से पेश हुए थे।

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