Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 21 Jul, 2019 04:30 PM
रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का आपसी सहमति से हल निकालने के लिये उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित मध्यस्थता समिति के सदस्यों ने आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी से शनिवार को मुलाकात की। मौलाना रहमानी ने रविवार को बताया...
लखनऊः रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का आपसी सहमति से हल निकालने के लिये उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित मध्यस्थता समिति के सदस्यों ने आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी से शनिवार को मुलाकात की। मौलाना रहमानी ने रविवार को बताया कि पैनल ने शनिवार रात उनसे लखनऊ स्थित वीवीआईपी गेस्ट हाउस में मुलाकात की।
पैनल के दो सदस्यों- उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) एफ.एम.आई. कलीफ़ उल्ला और वरिष्ठ वकील श्रीराम पांचू ने उनसे मुलाकात की। पैनल के तीसरे सदस्य आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर मौजूद नहीं थे। मौलाना रहमानी ने कहा, “जहां तक मध्यस्थता के समर्थन की बात है तो मैंने पैनल के सदस्यों से कल रात मुलाकात की। इससे जाहिर है कि वह आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मदद ही है।”
उन्होंने कहा कि हम मदद करने को तैयार हैं लेकिन यह भी साफ है कि बोर्ड के पास और कोई विकल्प नहीं है। बोर्ड सिर्फ उच्चतम न्यायालय का निर्णय ही मानेगा। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या विवाद का आपसी बातचीत से हल निकालने के लिये गत आठ मार्च को मध्यस्थता समिति गठित की थी।
न्यायालय ने समिति की कार्यवाही को बेहद गोपनीय रखने की हिदायत देते हुए इसकी मीडिया कवरेज पर पाबंदी लगा दी थी। शीर्ष अदालत ने मध्यस्थता पैनल को अपनी रिपोर्ट पहले 18 जुलाई को सौंपने को कहा था मगर बाद में उसकी अवधि 31 जुलाई तक बढ़ा दी।