अधिकारी जनता की समस्याओं को समाधान के लिए अपनाएं संवेदनशील रवैया: नाईक

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 30 Jun, 2018 06:14 PM

authorities adopt sensitivity attitude to solve public problems naik

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि अधिकारी जनता की समस्याओं के समाधान के लिए संवेदनशील रवैया अपनाएं। नाईक से शनिवार को राजभवन में भारतीय पुलिस सेवा(आईपीएस) के नौ तथा विदेश पुलिस सेवा के 8 अधिकारियों ने भेंट की...

लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि अधिकारी जनता की समस्याओं के समाधान के लिए संवेदनशील रवैया अपनाएं। नाईक से शनिवार को राजभवन में भारतीय पुलिस सेवा(आईपीएस) के नौ तथा विदेश पुलिस सेवा के 8 अधिकारियों ने भेंट की।

राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिये संवेदनशील रवैया अपनायें। कानून एवं व्यवस्था सुदृढ़ करने में इस बात की जानकारी अवश्य करें कि अपराध का कारण क्या है। अपराध के कारण पर रोक लगाने के लिये अपने स्तर से कार्य संस्कृति बनायें। कानून व्यवस्था पर कैसे नियंत्रण करते हैं, इसके लिए जमीनी हकीकत को जानते हुए अपने विवेक से काम लें। दायित्व का निर्वहन कार्य की अपेक्षा के अनुसार करें। समाज में सुधार लाने के लिए बहुत कुछ व्यक्तित्व और व्यवहार में निर्भर होता है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

राज्यपाल ने कहा कि पुलिस अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को महसूस करते हुये समर्पित भाव से कार्य करें। नियम का पालन करते हुये योग्य निर्णय लें। कार्यालय छोडऩे से पहले आने वाले कल की तैयारी एक दिन पूर्व करें। प्राथमिकता तय करने के लिये नोट करने की आदत डालें। अपने कार्य को समय पर निस्तारित करें और उसकी निरन्तर समीक्षा करते रहें।

नाईक ने कहा कि ऐसी कार्य संस्कृति विकसित करें कि फरयादी को लगे कि उसकी बात सुनी गई। आने वाला आप से कई अपेक्षाएं रखता है इसलिए सहजता से सुलभ रहें। अपने वरिष्ठों का सम्मान करें, उनके अनुभव से सीखें तथा अधीनस्थों को भी उचित आदर व सम्मान दें। उन्होंने कहा कि अपने द्वारा किये गये कार्यों का आत्म निरक्षण करें और उसे बेहतर बनाने का प्रयास करें। राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में बताया कि उन्होने बी.काम के परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात महालेखाकार कार्यालय में नौकरी करना प्रारम्भ किया।

राजनीति सेवा का पर्याय है इसलिए नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गये। उन्होंने बताया कि राजनीति में आने के बाद पहले समाज सेवक फिर विधायक, सांसद, विभिन्न विभागों में राज्यमंत्री एवं मंत्री और अब राज्यपाल बनने तक का सफर प्रशिक्षु अधिकारियों से साझा किया। उन्होने कहा कि गत फरवरी में हुए इन्वेस्टर्स समिट-2018 में 4.28 लाख करोड़ के निवेश उत्तर प्रदेश को मिले, जो इस बात के सूचक हैं कि राज्य में बिजली एवं कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है।

गौरतलब है कि प्रशिक्षु अधिकारी नेशनल एकेडमी आफ पुलिस, हैदराबाद केे प्रशिक्षण प्रशिक्षाधीन अधिकारी स्टडी कम कल्चरल टूर प्रोग्राम के तहत लखनऊ भ्रमण पर आये थे। नाईक से मिलने वाले प्रशिक्षु अधिकारियों में महाराष्ट्र के स्वपनिल महाजन एवं तारे अनुज, केरल के अंकित अशोकण एवं विशवेष शास्त्री,पंजाब के वरूण शर्मा, तेलंगाना के श्रवण दत्त, तमिलनाडु के जे ज्यापाण्डयान एवं सुन्दरावथनम, पश्चिम बंगाल के पलाश चन्द्र एवं मालद्वीव के अमीन अब्दुल कय्यूम, इब्राहीम इमरान, मो शुजा एवं फतेह मोहम्मद, भूटान से टी पेन्जोर, टी लहाम, टी नारजाम एवं नेपाल से कृष्ण खड़के शामिल थे। 

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