औरैया: धान की फसल में झुलसा रोग लगने की संभावना बढ़ी, बचाव के लिए किसान पढ़े अंकुश झा के सुझाव

Edited By Ramkesh,Updated: 06 Sep, 2020 03:27 PM

auraiya increased chances of scorching disease in paddy crop

उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में मौसम के बदलते मिजाज के चलते धान की फसल में झुलसा रोग की आशंका ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।

औरैया: उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में मौसम के बदलते मिजाज के चलते धान की फसल में झुलसा रोग की आशंका ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कृषि विज्ञान केंद्र परवाहा के पौध संरक्षण विशेषज्ञ अंकुश झा ने बताया कि किसान अपनी धान की फसल में बीमारियों की रोकथाम के लिए खेतों का पानी तत्काल का निकाल दें। शाम के समय कार्बेडाजिम प्लस हेक्साकोनाजोल (ताकत) 30 ग्राम एवं एस्ट्रोप्लटोसाइक्लिन 2.5 ग्राम दवा को 15 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। धान की फसल में तना गलन रोग की रोकथाम के लिए शाम को ट्रूबेकोनाजोल नामक दवा का 30 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी में घोल का छिड़काव करें।

उन्होंने बताया कि धान की फसल में कडुआ रोग को रोकथाम के लिए तत्काल खेतों का पानी निकाल दे और उर्वरकों का प्रयोग रोक दें, शाम को कार्बेडाजिम प्लस मेंकोजेब नामक दवा को 30 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी में घोलकर धान की फसल में दो बार छिड़काव करें। प्रथम छिड़काव धान की बाली निकलने की अवस्था में और दूसरा छिड़काव 15 से 20 दिन के बाद करें यदि फसल में रोग आ रहे हैं तो कडुआ बीमारी से ग्रसित पौधों को खेत में निकाल कर नष्ट कर दें। 

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