Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 16 May, 2020 07:59 PM
औरैया सड़क दुर्घटना...वह दर्दनाक हादसा है जो इतिहास में आज के दिन को सबसे काले अध्यायों में से एक के रूप में याद रहेगा। एनएच-19 हाईवे पर खड़ी डीसीएम में पीछे से ट्रक ने टक्कर मार दी। इसके बाद का मंजर जहां 25 प्रवासियों की मौत और 35 से ज्यादा घायलों...
लखनऊः औरैया सड़क दुर्घटना...वह दर्दनाक हादसा है जो इतिहास में आज के दिन को सबसे काले अध्यायों में से एक के रूप में याद रहेगा। एनएच-19 हाईवे पर खड़ी डीसीएम में पीछे से ट्रक ने टक्कर मार दी। इसके बाद का मंजर जहां 25 प्रवासियों की मौत और 35 से ज्यादा घायलों में केवल चारों ओर शोर, चीख, दर्द और बोरियों के नीचे दबे लाश के ढेर थे। हादसा भले ही रात की अंधेरों में छूप कर आया था मगर उजाले की किरण के रूप में आया एक ढाबा कर्मी आनंद चतुर्वेदी। यह वही फरिश्ता के रुप में इंसान था जिसने हादसे के बाद 112 नबंर पर फोन किया था।
सामने का मंजर देख बदहवास हो गए थे ढाबा कर्मी आनंद
बता दें कि 112 पर सूचित करने के बाद उन्होंने इंतजार करना बेहतर न समझकर खुद ही लोगों की मदद के लिए मैदान में उतर गए। वह सामने का मंजर देख बदहवास हो गए। लेकिन फिर उन्हें लगा कि यदि तड़प रहे लोगों को बचाया न गया तो वे मर जाएंगे। यह भूलकर कि वह कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते हैं वे बचाव कार्य में अकेले ही लग गए। उनके पास न तो मास्क था और न ही कोई सुरक्षा का सामान। उन्होंने जैसे-तैसे फंसे 10-12 लोगों को खींचकर बाहर निकाला। तब तक वह खुन से लथपथ हो गए थे। इसके बाद रात में लगभग 3 बजे पहुंची एंबुलेंस व पुलिस फोर्स राहत कार्य में जुट गई। मलबा हटाकर घायलों को बाहर निकाला जाने लगा। सुबह करीब 3:20 बजे पहली एंबुलेंस घायलों को लेकर जिला अस्पताल पहुंची।