बिकरू कांड में मारे गये पुलिस उपाधीक्षक का आडियो वायरल, गंभीर आरोप

Edited By Ajay kumar,Updated: 07 Aug, 2020 05:46 PM

audio of deputy superintendent of police killed in bikeru case goes viral

कानपुर में दो जुलाई की रात को कुख्यात विकास दुबे के गांव बिकरू में दबिश के दौरान मारे गए पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा की वरिष्ठ अफसरों से बातचीत के कथित आडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

कानपुरः कानपुर में दो जुलाई की रात को कुख्यात विकास दुबे के गांव बिकरू में दबिश के दौरान मारे गए पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा की वरिष्ठ अफसरों से बातचीत के कथित आडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। कथित आडियो क्लिप में मिश्रा कानपुर के तत्कालीन एसएसपी पर विकास दुबे से संबंध रखने वाले चौबेपुर थाने के तत्कालीन प्रभारी को 'संरक्षण' की बात कहते सुनाई दे रहे हैं।

मिश्रा की तीन कथित बातचीत की आडियो क्लिप, एक तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (कानपुर देहात) ब्रिजेश मिश्रा और दो चौबेपुर के थाना प्रभारी विनय तिवारी से, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। दो चुलाई को बिकरू गांव में मुठभेड़ में मिश्रा व सात अन्य पुलिसकर्मियों के मारे जाने के बाद तिवारी को निलंबित करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रहे एसटीएफ के उप महानिरीक्षक अनंत देव तिवारी का भी तबादला कर दिया गया। सोशल मीडिया पर वायरल आडियो क्लिप के बारे में जब कानपुर के पुलिस उप महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रीतेन्द्र सिंह से बातचीत की गयी तो उन्होंने कहा कि ''मैं भी इस मामले को देख रहा हूं लेकिन अभी इन आडियो क्लिप और इनमें लगाए गए आरोपों के बारे में कुछ कहना जल्द बाजी होगा ।''

सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायधीश की अध्यक्षता में एक समिति इस मामले में जांच कर रही है। इसके अलावा अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भी एक समिति मामले की जांच कर रही है । यह दोनो टीमें इन वायरल आडियो क्लिप की सत्यता की जांच करेंगी । पहली आडियो क्लिप में डीएसपी मिश्रा (जो उस समय बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी थे) से कथित बातचीत में तत्कालीन थाना प्रभारी विनय तिवारी उन्हें चौबेपुर के जादेपुर घस्सा के राहुल तिवारी की शिकायत के बारे में जानकारी दे रहा है । कथित आडियो में मिश्रा थाना प्रभारी तिवारी से पूछ रहे हैं कि''अपराध हुआ है या नही और शिकायत में जो आरोप लगाए गए हैं वे सही है या नही''।

जब तिवारी स्वीकार करता है कि शिकायतकर्ता से दुबे ने ''मारपीट'' की तो मिश्रा थाना प्रभारी को निर्देश देते है कि ''शिकायतकर्ता को पुलिस स्टेशन लाओं और उसकी शिकायत दर्ज करों और इस बारे में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को सूचित करों ।'' बातचीत के दूसरे कथित आडियो में मिश्रा पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्रीवास्तव से बात करते सुनाई देते है '' वह (तिवारी) कह रहा है कि जब मै (मिश्रा) आऊंगा तब ही छापेमारी शुरू होगी और मैं पुलिस छापेमारी का नेतृत्व करने के लिए तैयार हूं ।'' कथित आडियो में मिश्रा आगे कहते हैं कि थाना प्रभारी तिवारी कुख्यात विकास दुबे के पैर छूता है । मिश्रा कहते है कि ''जब वह उसके पैर छूता है तब उससे आप क्या अपेक्षा करेंगे ।'' वह आगे कहते हैं कि मैने एक बार उससे कहा था कि अगर वह उसके साथ अपने संबंध बनाए रखेगा तो इससे दो-चार हत्याएं हो सकती हैं, लेकिन थाना प्रभारी कहता है कि अपराधी ही इनामी बदमाशों के बारे में सूचना दे सकता है। ''

मिश्रा श्रीवास्तव से कहते है कि ''थाना प्रभारी कहता है कि विकास दुबे एक लाख के इनामी बदमाश को पकड़वा देगा, तब मैने उससे (तिवारी) कहा कि पुलिस थाना ठीक से चलाओं वर्ना वह थाने में ही हत्या करवा देगा ।'' मिश्रा तत्कालीन पुलिस उप महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव तिवारी पर भी आरोप लगाते है कि वह तिवारी उपनाम के कारण थानाध्यक्ष को संरक्षण देते हैं। लगभग पांच मिनट की कथित आडियो क्लिप में मिश्रा कहते है कि'' थाना प्रभारी अपने इलाके में जुआ खिलवाता है और डेढ़ लाख रूपये महीना उन लोगों से वसूलता है, मेरे कहने के बाद भी उसने यह काम बंद नही किया। दूसरे थानों की पुलिस लेकर मैंने खुद जुआरियों को पकड़ा। इस बारे में तत्कालीन एसएसपी ने मुझसे थाना प्रभारी के खिलाफ रिपोर्ट देने को कहा गया।''

मिश्रा कथित आडियो क्लिप में श्रीवास्तव से कहते हैं कि ' पुलिस की कार्रवाई से बचाने के लिए तिवारी ने जुआरियों से पांच लाख रुपये लिये और ये रकम तत्कालीन एसएसपी को दे दी जिन्होंने थाना प्रभारी के खिलाफ सभी जांच बंद कर दी।'' मिश्रा यह भी कहते हैं '' थाना प्रभारी जरूर उसे (विकास दुबे) को जानकारी दे देगा और छापेमारी से पहले ही वह फरार हो जाएगा।" तीसरी आडियो क्लिप में मिश्रा तिवारी को अपने थाना क्षेत्र में जुआ खिलवाने को लेकर हड़काते हुए सुनाई दे रहे हैं।

गौरतलब है कि कानपुर के बिकरू गांव में दो तीन जुलाई की रात को हुई पुलिस मुठभेड. में मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गये थे। बाद में एक पुलिस मुठभेड़ में कुख्यात अपराधी विकास दुबे भी मारा गया था। उसके कई साथी अलग-अलग पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। भाषा सं जफर पवनेश

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