Edited By Deepika Rajput,Updated: 09 Aug, 2018 12:48 PM
यूपी पुलिस भले ही कहे कि वह जनता के दिलों में अपनी जगह बनाने का प्रयास लगातार कर रही है, लेकिन मित्र पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आता ही रहता है। एेसा ही एक मामला लखनऊ से सामने आया है।
लखनऊः यूपी पुलिस भले ही कहे कि वह जनता के दिलों में अपनी जगह बनाने का प्रयास लगातार कर रही है, लेकिन मित्र पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आता ही रहता है। एेसा ही एक मामला लखनऊ से सामने आया है। जहां यूपी पुलिस पर दबंगों से रुपये लेकर गरीबों का घर खाली करवाने का संगीन आरोप लगा है। जिसके चलते पीड़ित परिवार विधानभवन के सामने आत्मदाह करने को मजबूर हो गया। किसी तरह पुलिसकर्मियों ने पीड़ित परिवार को बमुश्किल शांत करवाया।
पीड़ित फूलचंद के मुताबिक वह लोग अमेठी के थाना शुक्ल बाजार के अचलीपुरवा गांव के रहने वाले हैं। पीड़ित परिवार ने स्थानीय पुलिस पर प्रधान और अन्य लोगों से रुपये लेकर उसके घर पर कब्जा कराने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यहां के दबंग प्रधान ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस के जरिए उसका घर जबरन खाली करवाया। वो हमे जबरदस्ती पैसा दे रहे थे, लेकिन हमने नहीं लिया।
इतना ही नहीं घर खाली करवाने के बाद पुलिसकर्मियों ने परिवार की बुरी तरह से पिटाई भी की। जिसके चलते वह विधानभवन के सामने आत्मदाह करने पहुंचे। हालांकि, दंपत्ति अपने बच्चों के साथ आत्मदाह कर पाता इससे पहले ही विधानभवन के गेट नंबर 3 के सामने ड्यूटी पर मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। आत्मदाह का प्रयास करने वाले परिवार में पती-पत्नी समेत 4 बच्चे थे।